Ranchi: झारखंड में बीते दस दिनों से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पद खाली है, जिसे लेकर झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की कार्यशैली ने सभी सीमाएं पार कर दी हैं और झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां इतने लंबे समय से डीजीपी का पद रिक्त पड़ा है।
एक्स पर बाबूलाल मरांडी ने की सरकार की आलोचना
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सरकार की आलोचना करते हुए तंज कसा कि राज्य सरकार अब डीजीपी जैसे पदों पर भी बिना वेतन, केवल कमीशन आधारित सेवा लेने की दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने सुझाव के तौर पर लिखा कि कोयला और खनिज क्षेत्र वाले जिलों—जैसे धनबाद, हज़ारीबाग़, रामगढ़ और बोकारो में भी इसी मॉडल को लागू कर देना चाहिए, जहां संवैधानिक नियमों के बजाय “किचन कैबिनेट” के निर्देशों को प्राथमिकता दी जा रही है।
संवैधानिक व्यवस्थाओं को सीएम कर रहे दरकिनार
मरांडी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संवैधानिक व्यवस्थाओं को दरकिनार कर प्रशासन को गंभीर संकट में डाल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में जेपीएससी की नियुक्तियों में भी पारदर्शिता नहीं रह गई है और यहां तक कि यूपीएससी से चयनित अफसरों को भी कथित तौर पर “रेट लिस्ट” से गुजरना पड़ता है। अपने बयान में मरांडी ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि योग्यता आधारित प्रशासन की जगह सुविधा शुल्क आधारित व्यवस्था लागू कर दी गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रकार की कार्यप्रणाली झारखंड की प्रशासनिक साख और संरचना को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाएगी।







