रांची: विनय चौबे की गिरफ्तारी के बाद झारखंड की सियासत में हलचल तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी लगातार राज्य सरकार पर सवाल उठा रही है. इसी कड़ी में आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता कर झारखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
बाबूलाल मरांडी का दावा
बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि यह पूरा मामला एक सोची-समझी साजिश के तहत रचा गया है. उन्होंने कहा कि तीन साल पहले उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी थी और जिन कंपनियों के नाम उन्होंने पत्र में दिए थे, उन्हीं कंपनियों को बाद में ठेके दिए गए.
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उन्होंने सवाल उठाया कि सितंबर 2024 में मामला दर्ज कैसे हुआ जबकि इसकी जानकारी पहले ही दी जा चुकी थी. जब मीडिया में खबरें छपने लगीं तब जाकर सरकार हरकत में आई और अक्टूबर में प्राथमिक जांच शुरू की गई, लेकिन एफआईआर अब जाकर 20 मई को दर्ज की गई.
बाबूलाल मरांडी ने उठाया DGP का मुद्दा
मरांडी ने आगे कहा कि यह पूरी कार्रवाई सिर्फ कुछ लोगों को बचाने और सच्चाई से ध्यान भटकाने की कोशिश है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राज्य में 1 मई से लेकर अब तक झारखंड पुलिस को स्थायी डीजीपी नहीं मिला है और एक ऐसे अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है जो खुद पदभार ग्रहण नहीं कर सके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि शराब घोटाले में मुख्यमंत्री का भी नाम सामने आ रहा है और ईडी की रडार पर आने वाले गवाहों को धमकाया जा रहा है. मनोज और शैलेश नामक दो गवाहों के घर पर एसीबी की छापेमारी हुई है और उन्हें बयान से मुकरने की धमकी दी जा रही है.
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बाबूलाल ने कहा कि विनय चौबे की गिरफ्तारी केवल एक शो ऑफ एक्शन है, ताकि यह दिखाया जा सके कि सरकार घोटालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि असली दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है.










