KhabarMantra: भारत ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास, बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में 23 और 24 मई को तीन घंटे के लिए वायु क्षेत्र को बंद करने का फैसला किया है. इस दौरान किसी भी नागरिक विमान को इस क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति नहीं होगी. यह सूचना नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के तहत 16 मई की शाम को जारी की गई थी.
क्षेत्र में पहले भी किये जाने वाले मिसाइल परीक्षण
हालांकि इस नोटम में गतिविधि का सटीक विवरण नहीं दिया गया है, मगर पहले के सैन्य अभ्यास और हथियार परीक्षणों से जुड़ी नोटम को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किसी महत्वपूर्ण परीक्षण से संबंधित हो सकता है. इस क्षेत्र में पहले भी मिसाइल परीक्षण किए जा चुके हैं—जनवरी 2025 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सल्वो मोड में परीक्षण हुआ था. अप्रैल 2024 में भारत ने एयर-लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था, जबकि मार्च 2022 में ब्रह्मोस के विस्तारित संस्करण का परीक्षण अंडमान में हुआ था.
वायु क्षेत्र बंदी: नागरिक उड़ानों पर प्रतिबंध
इस नोटम के अनुसार, वायु क्षेत्र 500 किलोमीटर तक फैले बहुभुजीय इलाके में होगा, जिसे 23 और 24 मई को सुबह 7 बजे से 10 बजे तक (IST) बंद रखा जाएगा. इस दौरान नौ अंतरराष्ट्रीय उड़ान मार्ग पूरी तरह प्रभावित होंगे और कोई वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध नहीं कराया जाएगा. इसका दायरा भूमि से अनंत ऊंचाई तक निर्धारित किया गया है, यानी सभी ऊंचाई पर नागरिक विमानों के प्रवेश पर रोक रहेगी.
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इस व्यापक प्रतिबंध से संकेत मिलता है कि यह किसी मिसाइल परीक्षण या उच्च ऊंचाई वाले हथियार परीक्षण से जुड़ा हो सकता है. आमतौर पर इस तरह की विस्तृत वायु क्षेत्र बंदी संवेदनशील या जोखिमपूर्ण अभियानों के दौरान लागू की जाती है, जिसमें नागरिक विमानों को पूरी तरह से दूर रखा जाता है. यदि यह सिर्फ किसी हवाई सर्वेक्षण से जुड़ा होता, तो कम ऊंचाई वाले प्रतिबंध लगाए जाते और उच्च-ऊंचाई पर उड़ान संचालन बाधित नहीं होता.
इस मामले में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, रक्षा मंत्रालय, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से संपर्क किया गया है, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.











