कोडरमा: झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने देश में संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, जो हर नागरिक को समानता, स्वतंत्रता और सम्मान का अधिकार देता है, आज खतरे में है।
दीपिका पांडे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह तानाशाही रवैया अपना रही है और संविधान की मूल भावना को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में कमजोर वर्गों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों, पिछड़ों और किसानों की उपेक्षा एक आम नीति बन गई है।
कई उदाहरणों का किया ज़िक्र
उन्होंने मणिपुर की आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार, एनआरसी से अल्पसंख्यकों को डराना, वक्फ बोर्ड पर साजिशें, और ओबीसी आरक्षण में कटौती जैसे कई उदाहरणों का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं संविधान की आत्मा पर चोट हैं।
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दीपिका पांडे सिंह ने बताया कि झारखंड में पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 27% से घटाकर 14% कर दिया था, जो सामाजिक न्याय के साथ अन्याय था। लेकिन महागठबंधन सरकार ने इसे सही करते हुए नया विधेयक पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने सरना धर्म कोड के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की
उन्होंने सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की, लेकिन साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा विदेशी मंचों पर दिए गए बयान भारत की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।
दीपिका पांडे सिंह ने राहुल गांधी की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि जब भी देश में अन्याय या दमन होता है, वह आवाज़ उठाने वालों में सबसे आगे रहते हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि ‘संविधान बचाओ’ अब सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि देश की आत्मा, सामाजिक न्याय और नागरिक अधिकारों की रक्षा का आंदोलन बन गया है, और यह हर भारतवासी का संकल्प होना चाहिए।












