Bihar News: बिहार में करीब ₹100 करोड़ के एक बड़े GST घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. यह घोटाला फर्जी निर्यात बिलों के ज़रिए टैक्स रिफंड लेने से जुड़ा है. इस मामले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को पटना, पूर्णिया, नालंदा और मुंगेर में एक साथ छापेमारी की.
CBI की कार्रवाई के दौरान जांच अधिकारियों को सात सोने के बिस्किट, कई मोबाइल फोन और अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस घोटाले में कागज़ों पर टाइल्स और ऑटो पार्ट्स को नेपाल भेजा गया दिखाया गया, लेकिन वास्तव में ऐसा कोई निर्यात नहीं हुआ था.
पूर्व कस्टम अधिकारी से पूछताछ
CBI की जांच में पटना कस्टम विभाग के पूर्व एडिशनल कमिश्नर रणविजय कुमार का नाम भी सामने आया है. वर्तमान में वह जमशेदपुर में तैनात हैं. शनिवार को CBI ने उनके सरकारी आवास पर करीब छह घंटे तक पूछताछ की. हालांकि, अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है.
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बिहार-नेपाल बॉर्डर बना फर्जीवाड़े का अड्डा
इस घोटाले की जड़ बिहार-नेपाल सीमा पर बसे जयनगर, भीमनगर और भिट्टामोर जैसे सीमावर्ती इलाकों में पाई गई है. यहां से दस्तावेजों में माल निर्यात दिखाया गया, जबकि हकीकत में कोई सामान सीमा पार नहीं गया.
CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि इस पूरे रैकेट में चार सीमा शुल्क अधिकारी, 23 व्यापारी और कोलकाता का एक एजेंट शामिल हैं. सभी पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की टैक्स रिफंड के रूप में धोखाधड़ी का आरोप है.
CBI अब इन सभी संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और दस्तावेज़ों की बारीकी से जांच की जा रही है. आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.












