Saturday special : शनिवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष आध्यात्मिक और पौराणिक महत्व रखता है. इसे न्याय के देवता शनि देव को समर्पित माना गया है. मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और सेवा से भाग्य बदल सकता है, जबकि लापरवाही जीवन में संकट ला सकती है.
पौराणिक मान्यता: कौन हैं शनि देव?
शनि देव सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं. उन्हें कर्मों का न्याय करने वाला देवता कहा गया है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शनि की दृष्टि बेहद प्रखर होती है. उनकी “टेढ़ी नजर” किसी को भी राजा से रंक और रंक से राजा बना सकती है.
महाभारत, स्कंद पुराण और कई अन्य ग्रंथों में शनि देव के क्रोध और कृपा, दोनों के किस्से मिलते हैं. उनकी पूजा से ना सिर्फ ग्रहों की दशा सुधरती है, बल्कि जीवन की दिशा भी बदल सकती है.
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पूजा विधि और आज के दिन की परंपरा
शनिवार को खासतौर पर सरसों के तेल का दीपक जलाना, काले तिल और वस्त्र दान करना और गरीबों की सेवा करना शुभ माना जाता है.
रांची के कांके रोड स्थित शनि मंदिर में आज सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं. स्थानीय पुजारी पं. राजेश मिश्रा बताते हैं – “शनि केवल दंड नहीं देते, वे सुधार भी करते हैं. जो भक्त सच्चे मन से पूजा करता है, उसे जीवन में स्थिरता, शांति और सफलता तीनों मिलती हैं.”
साढ़े साती और ढैय्या से परेशान लोग ज़रूर करें ये उपाय
अगर आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है, तो शनिवार आपके लिए विशेष दिन है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज के दिन निम्न उपाय बहुत लाभकारी माने गए हैं:
काले कुत्ते को रोटी या गुड़ खिलाएं
सरसों का तेल गरीबों या मंदिर में दान करें
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं
जरूरतमंद को काले वस्त्र या चप्पल दान करें
शनिवार का असली संदेश: संयम और आत्मनिरीक्षण
शनिवार का दिन केवल पूजा-पाठ का नहीं, बल्कि अपने कर्मों को सुधारने और आत्मनिरीक्षण करने का भी है. यह दिन हमें सिखाता है कि कोई भी कर्म बेकार नहीं जाता. जो जैसा बोता है, वैसा ही फल पाता है.
संयम, सेवा और सच्चे मन से की गई आराधना से ही शनि देव की कृपा प्राप्त होती है
Disclaimer: ऊपर दिए गए सुझाव पारंपरिक धार्मिक विश्वाशों और रीती रिवाजों पर आधारित है. हम इसकी कोई पुष्टि नहीं करते हैं










