National News: केंद्रीय सरकार ने ऐलान किया कि Prime Minister’s Office (PMO) का नाम अब “सेवा तीर्थ” होगा। वहीं, देश भर के सभी राजभवनों को अब “लोक भवन” कहा जाएगा, और केंद्रीय सचिवालय का नाम बदलकर “कर्तव्य भवन” रखा जाएगा। इस बदलाव को लेकर सरकार का कहना है कि यह प्रशासनिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहल है – “हम सत्ता से सेवा की ओर बढ़े हैं”।
सरकार ने पहले भी सार्वजनिक स्थानों और संस्थानों के नाम बदलने का कदम उठाया है – उदाहरण के तौर पर, Rajpath को पहले “कर्तव्य पथ” नाम दिया गया था। इसी तरह, प्रधानमंत्री के आवास एवं अन्य सरकारी संपत्तियों के नाम बदलने की परंपरा अब जारी है।
सरकारी दफ्तरों में इस नए नामकरण से जुड़ा बदलाव – चाहे वह नाम हो या प्रतीक – सरकार का संदेश है कि सत्ता का स्वरूप बदल रहा है: अब शक्ति-प्रदर्शन नहीं, बल्कि लोगों की सेवा प्राथमिकता होगी।
क्यों बदला गया राजभवन का नाम?
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, ‘राजभवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतीक माना जाता है। पिछले वर्ष राज्यपालों के सम्मेलन में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई थी। इसी के बाद यह निर्णय लिया गया कि राज्यपालों और उप-राज्यपालों के कार्यालयों का नाम बदलकर अब ‘लोक भवन’ और उनके आधिकारिक आवास का नाम ‘लोक निवास’ रखा जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह बदलाव शासन को जनता-केंद्रित बनाने और औपनिवेशिक प्रतीकों से दूर जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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PMO शिफ्ट होगा ‘सेवा तीर्थ’ कैंपस में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यालय (PMO) जल्द ही 78 साल पुराने साउथ ब्लॉक से निकलकर नए और अत्याधुनिक ‘सेवा तीर्थ’ कैंपस में शिफ्ट होने जा रहा है। यह बदलाव सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का अहम हिस्सा है।
बीते 14 अक्टूबर को कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन सेवा तीर्थ-2 में सेना प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं, जिससे संकेत मिलता है कि नए कैंपस का संचालन चरणबद्ध तरीके से शुरू हो चुका है।
सेवा तीर्थ में क्या होगा?
- सेवा तीर्थ-1: यहीं से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) संचालित होगा।
- सेवा तीर्थ-2: कैबिनेट सचिवालय का नया केंद्र।
- सेवा तीर्थ-3: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का कार्यालय यहीं होगा।
कर्तव्य पथ के प्रशासनिक ज़ोन में बदलाव
सरकार का उद्देश्य है कि कर्तव्य पथ (पूर्व राजपथ) के 3 किमी क्षेत्र को आधुनिक, पैदल-अनुकूल और उच्च-स्तरीय प्रशासनिक ज़ोन में विकसित किया जाए। इसी योजना के तहत नया कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) तैयार हुआ है, जिसे अब ‘कर्तव्य भवन’ नाम दिया गया है।
यहां 10 नए ऑफिस ब्लॉक बनाए गए हैं। इनमें वे सभी मंत्रालय शिफ्ट किए जाएंगे, जो वर्तमान में शास्त्री भवन, निर्माण भवन, कृषि भवन जैसी पुरानी इमारतों में बिखरे हुए हैं।
एक CCS ब्लॉक में पिछले महीने से काम शुरू हो चुका है, जबकि तीन और ब्लॉक शिफ्टिंग के लिए तैयार हैं।
नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक का नया स्वरूप
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत ऐतिहासिक नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को भविष्य में ‘युग-युगीन भारत संग्रहालय’ में बदलने की योजना है। इसके लिए फ्रांस की एक प्रतिष्ठित म्यूजियम डेवलपमेंट एजेंसी के साथ समझौता किया गया है।
ये दोनों इमारतें भारत की प्रशासनिक धरोहर से संग्रहालय की दिशा में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रतीक बनेंगी।










