Lifestyle: आज के डिजिटल युग में हम दिन का एक बड़ा हिस्सा स्क्रीन – मोबाइल, लैपटॉप, टीवी या टैबलेट – पर बिताते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आदत एक नई लाइफस्टाइल बीमारी को जन्म दे रही है जिसे कहा जाता है: डिजिटल फैटिग (Digital Fatigue) या डिजिटल थकान।
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति मानसिक रूप से थका हुआ, चिड़चिड़ा और असंतुलित महसूस करता है, भले ही उसने कोई भारी काम न किया हो।
डिजिटल थकान के प्रमुख लक्षण:
1. आंखों में जलन या भारीपन
2. बार-बार सिरदर्द होना
3. ध्यान केंद्रित करने में परेशानी
4. सोशल मीडिया से चिढ़ या बेचैनी
5. थकावट के बावजूद नींद नहीं आना
क्या करें समाधान:
20-20-20 रूल अपनाएं: हर 20 मिनट में 20 फीट दूर किसी चीज़ को 20 सेकंड तक देखें।
ब्लू लाइट फिल्टर का इस्तेमाल करें
स्क्रीन ब्रेक्स लें: हर 1-2 घंटे में कम से कम 10 मिनट बिना स्क्रीन के रहें
डिजिटल डिटॉक्स डे प्लान करें: हफ्ते में एक दिन बिना सोशल मीडिया बिताएं
ध्यान और प्राणायाम करें: इससे मानसिक ताजगी बनी रहती है
विशेषज्ञों की राय:
AIIMS और NIMHANS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ मानते हैं कि लंबे समय तक डिजिटल थकान डिजिटल बर्नआउट का कारण बन सकती है, जिससे व्यक्ति डिप्रेशन और एंग्जायटी तक पहुंच सकता है।
डिजिटल युग में जीना हमारी मजबूरी हो सकती है, लेकिन “डिजिटल बैलेंस” हमारी ज़रूरत है। स्क्रीन से जुड़ी आदतों में थोड़ा बदलाव कर के आप अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को लंबे समय तक बनाए रख सकते हैं।












