Ranchi News — केंद्र सरकार के निर्देश पर झारखंड में मृत लाभुकों के नाम राशन कार्ड से हटाने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है. अब तक राज्य भर में करीब 50,000 मृत लाभुकों के नाम सत्यापन के बाद राशन कार्ड से हटाए जा चुके हैं. यह कदम उन अनियमितताओं को रोकने के लिए उठाया गया है, जिनमें मृत लोगों के नाम पर राशन की कालाबाजारी हो रही थी.
2.5 लाख मृत लाभुकों की सूची में अब भी 2 लाख नाम बचे
मई 2025 में केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को 2,54,857 मृत लाभुकों की सूची सौंपी थी और निर्देश दिया था कि सत्यापन के बाद इनके नाम हटाए जाएं. हालांकि, अब तक केवल 50 हजार नामों का ही सत्यापन और डिलीशन हो पाया है. शेष करीब 2 लाख लाभुकों के नाम का सत्यापन अभी भी लंबित है.
रांची में 21,171 मृत लाभुक, सिर्फ 4500 नाम हटे
राजधानी रांची में मृत लाभुकों की संख्या 21,171 पाई गई है, लेकिन इनमें से सिर्फ 4500 लाभुकों के नाम ही अब तक राशन कार्ड से हटाए जा सके हैं. इस धीमी प्रक्रिया पर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.
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मृत लाभुकों के नाम पर हर महीने 10 लाख किलो राशन की निकासी!
सरकार की गृहस्थ योजना के तहत पात्र लाभुकों को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न दिया जाता है. जनवरी 2023 से यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अब भी 2 लाख मृत लाभुकों के नाम पर हर महीने लगभग 10 लाख किलोग्राम राशन उठाया जा रहा है — जो सरकारी संसाधनों की गंभीर बर्बादी और गड़बड़ी की ओर इशारा करता है.
प्रशासन की चुनौती: तेजी से करें सत्यापन
राज्य सरकार पर अब दबाव बढ़ रहा है कि वह शेष नामों का जल्द से जल्द सत्यापन करे और मृत लाभुकों के नाम हटाकर राशन प्रणाली को पारदर्शी बनाए. साथ ही, इस प्रक्रिया की धीमी रफ्तार को लेकर जवाबदेही तय करने की भी मांग तेज़ हो रही है.
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