Ranchi: झारखंड की राजनीति में एक शोक की लहर उस समय दौड़ गई जब पूर्व लोकसभा सांसद तिलकधारी सिंह के निधन की खबर सामने आई। CM Hemant Soren ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “पूर्व लोकसभा सदस्य तिलकधारी सिंह के निधन की दुःखद खबर मिली। तिलकधारी बाबू जन-जन के नेता थे। उनका निधन झारखंड की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोक संतप्त परिवार को इस कठिन समय को सहन करने की शक्ति दें।”
तिलकधारी सिंह मूल रूप से गिरिडीह जिले के देवरी प्रखंड अंतर्गत चतरो गांव के निवासी थे। उन्होंने grassroots स्तर से राजनीति की शुरुआत की थी और मुखिया पद से लेकर सांसद बनने तक का लंबा और प्रेरणादायक सफर तय किया।
तिलकधारी सिंह ने 1977 में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के रूप में राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। 1980 में वे धनवार विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक चुने गए। इसके बाद उन्होंने 1984 और 1999 में कोडरमा लोकसभा सीट से सांसद के रूप में जीत दर्ज की और झारखंड की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई।
उनके निधन से न सिर्फ कांग्रेस पार्टी को बल्कि पूरे झारखंड को एक सशक्त और जनप्रिय नेता की कमी खलेगी। राजनीतिक गलियारों से लेकर आम जनता तक हर कोई इस अपूरणीय क्षति को लेकर शोकाकुल है।






