World News: नेपाल की राजधानी काठमांडू इस वक्त भारी राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। हिंसा में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,000 से ज्यादा भारतीय नागरिक काठमांडू और अन्य हिस्सों में फंसे हुए हैं।
इनमें से अधिकांश पर्यटक महाराष्ट्र, विशेषकर पुणे से आए हैं, जो हालात बिगड़ने के कारण होटल्स में बंद हैं और भारत लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
‘हमने खिड़की से धधकता काठमांडू देखा’
पुणे से गए श्रीपाद कवाष्ठे बताते हैं, “हम 35 लोगों के ग्रुप में नेपाल आए थे। दो दिन से होटल में कैद हैं। एयरपोर्ट बंद है, मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा। इंडियन एम्बेसी से संपर्क की कोशिश की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।”
उन्हीं के साथ आए अमोल शैलार और आशीष दाबाड़े ने बताया कि पूरा शहर जलता हुआ नजर आ रहा था। होटल से बाहर निकलना बेहद खतरनाक हो गया है। मोबाइल नेटवर्क ठप है, जिससे परिजनों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा।
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नेपाल में क्या हुआ?
- अब तक 30 मौतें, 1,033 घायल
- संसद, सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति आवास जले
- काठमांडू में कर्फ्यू, सेना ने मोर्चा संभाला
- 9 सितंबर को हुई हिंसा सबसे भयावह, भीड़ ने सरकारी इमारतों में आग लगाई
- सिंह दरबार, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह खाक
- भीड़ ने पुलिस से हथियार लूटे, खतरा और बढ़ा
भारत सरकार की प्रतिक्रिया और रेस्क्यू प्रयास
भारत सरकार ने नेपाल में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। एयर इंडिया ने कहा है कि वह दिल्ली और काठमांडू के बीच स्पेशल फ्लाइट्स चलाएगी। 11 सितंबर से नियमित उड़ानों की बहाली का दावा किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विदेश सचिव से बात कर भारत सरकार से रेस्क्यू मिशन चलाने की मांग की है।
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नेपाल में राजनीतिक संकट: अंतरिम PM के रूप में सुशीला कार्की का नाम आगे
हिंसा के चलते प्रधानमंत्री ओली ने इस्तीफा दे दिया है। अब नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने की चर्चा है।
- GenZ ग्रुप की 5 घंटे लंबी ऑनलाइन मीटिंग में सुशीला को समर्थन
- कुलमान घिसिंग और काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नाम भी चर्चा में
- देर रात बालेन शाह ने सुशीला कार्की का समर्थन कर दिया
काठमांडू की सड़कों पर सेना, तलाशी अभियान जारी
सड़कें वीरान हैं, हर शख्स की तलाशी हो रही है। सेना ने कई इलाकों पर नियंत्रण कर लिया है।
हालांकि, अब भी कुछ इलाकों में लूटपाट और चोरी की घटनाएं जारी हैं, खासकर जली हुई सरकारी इमारतों में।
स्थानीय लोग बोले: ‘अब हम नया नेपाल बनाएंगे’
सड़कों पर स्थानीय लोग खुद सफाई अभियान चला रहे हैं। युवा, बुद्धिजीवी और आम लोग मिलकर मलबा हटा रहे हैं।
पल्लव श्रेष्ठ नामक नागरिक ने कहा, “हिंसा हमने नहीं की। घुसपैठियों और पुराने नेताओं की चाल थी ये सब। अब हमें नया नेपाल बनाना है।”
लॉ स्टूडेंट्स का दर्द: ‘सुप्रीम कोर्ट हमारा घर था, राख हो गया’
प्रोटेस्ट में शामिल रही लॉ स्टूडेंट यशोदा बंजारा ने कहा, “हम बदलाव चाहते थे, लेकिन नहीं जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट और संसद जला दी जाएगी। अब कुछ भी नहीं बचा।”
सागर केसी, एक और स्टूडेंट ने कहा, “हम भ्रष्टाचार के खिलाफ थे, न कि हिंसा के पक्ष में। विदेशी ताकतों और अपराधियों ने आंदोलन को हाईजैक कर लिया।”












