Jharkhand: झारखंड में दो दिनों से डीजीपी का पद खाली है, जिसे लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को प्रेस वार्ता में राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि झारखंड संवैधानिक संकट की स्थिति में है, क्योंकि राज्य में न केवल डीजीपी का पद रिक्त है, बल्कि एसीबी और सीआईडी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का भी स्थायी नेतृत्व नहीं है।
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मरांडी ने मौजूदा हालात को “असंवैधानिक और प्रशासनिक अराजकता” करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में गृह विभाग से जुड़े फैसले ऐसे अधिकारी अनुराग गुप्ता ले रहे हैं, जिनकी नियुक्ति ही संदेह के घेरे में है। उन्होंने कहा कि अनुराग गुप्ता पर पहले से ही भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं। बाबूलाल ने याद दिलाया कि उनके मुख्यमंत्री रहते बिहार में गुप्ता के खिलाफ Magadh University पुलिस थाने में आईपीसी की कई धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुप्ता को निलंबन के बाद वापस बहाल किया और उन्हें ईडी मामलों को ‘मैनेज’ करने के लिए राज्य में विशेष भूमिका दी गई। “हेमंत सोरेन और अनुराग गुप्ता की नजदीकी किसी सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया का परिणाम नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है,” मरांडी ने कहा।
मरांडी ने दावा किया कि गुप्ता के कार्यकाल में ईडी अधिकारियों और गवाहों को डराने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए, जिन पर हाईकोर्ट को रोक लगानी पड़ी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों राज्य सरकार ने ईडी द्वारा भेजे गए किसी भी अभियोजन स्वीकृति अनुरोध पर अब तक कार्रवाई नहीं की — जबकि पूजा सिंघल, छवि रंजन और आलमगीर आलम समेत 10 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ अनुरोध लंबित हैं।
उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि कैसे चुनाव आयोग द्वारा हटाए गए अधिकारी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दोबारा डीजीपी का प्रभार दे दिया, और सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद राज्य सरकार ने 7 जनवरी को अपनी मनमर्जी से नियमावली बदलकर गुप्ता को डीजीपी नियुक्त कर दिया, जबकि वह 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हो गए।
“झारखंड में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना की गई, बल्कि ऑल इंडिया सर्विस रूल्स को दरकिनार कर सत्ता के हित में नए नियम बनाए गए,” मरांडी ने कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट है कि सरकार एक भ्रष्ट अधिकारी के माध्यम से प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि अनुराग गुप्ता के संरक्षण में कोयला चोरी जैसे संगठित अपराध बढ़े हैं। “धनबाद के दौरे में मुझे लोगों ने बताया कि प्रतिदिन 500 से अधिक ट्रकों में कोयला चोरी हो रही है, लेकिन स्थानीय विधायक जयराम महतो के अनुसार यह संख्या 700-800 तक है,” उन्होंने कहा।
मरांडी ने राज्य सरकार से अविलंब एक योग्य, वरिष्ठ और निष्पक्ष अधिकारी को स्थायी डीजीपी नियुक्त करने की मांग की। प्रेस वार्ता में पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रवक्ता अजय साह भी मौजूद थे।