Jharkhand News–सिल्ली प्रखंड के कोचो पंचायत के मारदू गांव से बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां पुरंदर नामक एक व्यक्ति ने बाघ को कमरे में बंद कर दिया. दरअसल, पुरंदर, जो हिंडाल्को में काम करते हैं, अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद रात के करीब दस बजे घर पहुंचे. उनकी पत्नी उस समय घर पर नहीं थी. अगले दिन तड़के चार बजे जब वह अपनी बकरियों को बाहर करने के लिए निकले, तभी बाघ दीवार फांदकर घर के अंदर घुस गया.
read more- रांची को मिलेंगे पांच नए फ्लाईओवर, जानें कब और कहां बनेगा!
पुरंदर ने बताया, “जब मैंने बाघ को देखा, तो डर तो लगा, लेकिन बच्चों की सुरक्षा सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण थी. मैंने तुरंत अपनी बेटियों को दूसरे कमरे में भेजा और खुद भी कमरे में चला गया. मैं जानता था कि अगर बाघ हमलावर हो गया तो हमारी जान जा सकती थी.”
बाघ को कमरे में बंद करना
कुछ ही समय में, पुरंदर ने परिवार को सुरक्षित किया और बाघ को कमरे में बंद कर दिया. वह कहते हैं, “शरीर पसीने से तर-बतर था, लेकिन बच्चों की सुरक्षा ने मुझे साहस दिया. मैं खुद भी बाहर निकलकर दरवाजा बंद करने में सफल रहा.”
इस डरावने अनुभव के बाद, पुरंदर ने अपने चचेरे भाई अमित महतो को फोन कर पुलिस और वन विभाग को सूचित किया. फिर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम और पुलिस की मदद ली गई.
वन विभाग की कार्रवाई और बाघ की रेस्क्यू
घटना की खबर फैलते ही, गांव में भारी भीड़ जमा हो गई, जो बाघ की एक झलक देखने के लिए उत्सुक थी. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजी. बेतला नेशनल पार्क और ओरमांझी जू की टीमों ने मिलकर बाघ को रेस्क्यू किया. बाघ को सुरक्षित वैन में रखा गया और उसे जंगल में छोड़ा गया.
कहाँ से आया बाघ?
माना जा रहा है कि यह बाघ पश्चिम बंगाल से भटकते हुए शिकार की तलाश में सिल्ली प्रखंड के इस गांव में पहुंचा था.
सिल्ली प्रखंड में बाघ के आने से दहशत
गांव में बाघ के आने की घटना ने इलाके में खौफ का माहौल बना दिया था, लेकिन पुरंदर के साहस ने सभी को प्रेरित किया. लोग अब भी इस घटना के बारे में चर्चा कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए उपाय किए जाएं.







