रांची: झारखंड में स्वैच्छिक रक्तदान को नया सम्मान और पहचान देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने छह वर्षों के लंबे अंतराल के बाद ब्लड डोनर रिप्लेसमेंट कार्ड, जिसे आमतौर पर “डोनर कार्ड” कहा जाता है, को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए *झारखंड राज्य स्वैच्छिक रक्तदान संगठन कॉर्डिनेशन कमेटी* ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी का जोरदार स्वागत करते हुए उन्हें शॉल और मोमेंटो भेंट कर आभार व्यक्त किया।
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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा:
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“रक्तदान किसी जाति, धर्म या वर्ग के लिए नहीं, बल्कि मानवता की सेवा है। रक्तदान करने वाला व्यक्ति सच्चे अर्थों में समाज का हीरो होता है। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि इन रक्तवीरों को ना केवल सम्मान मिले, बल्कि उनकी सेवा का उचित मूल्यांकन और पहचान भी हो।”
रांची प्रेस क्लब के कांफ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि रक्तदान करने वाले संगठनों की भूमिका समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जल्द ही रिफ्रेशमेंट रेट की विभागीय समीक्षा की जाएगी ताकि रक्तदाताओं को और बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
“आपका मंत्री 24 घंटे आपकी सेवा में तत्पर है”
मंत्री अंसारी ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते वे हमेशा जनता की सेवा के लिए तैयार हैं। उन्होंने रक्तदाताओं से आह्वान किया कि वे और अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करें और हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचाएं।
भाजपा पर सीधा हमला:
कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 18 वर्षों तक झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को खोखला करने का काम किया। उन्होंने रिम्स की दुर्दशा का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय था जब एक ही बेड पर दो मरीजों का इलाज होता था और शव को ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं होती थी।
नई योजनाएं और सुविधाएं:
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि अब राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को शव घर तक ले जाने के लिए *मोक्ष वाहन* निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा गरीब परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए ₹5000 की सहायता राशि भी प्रदान की जाएगी।