BiharNews: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। इस बार केंद्र में हैं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव। सोशल मीडिया पर प्यार का इजहार करने वाले एक पोस्ट के बाद से न सिर्फ सियासी गलियारों में भूचाल आ गया, बल्कि खुद पिता लालू यादव ने बड़ा कदम उठाते हुए तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया। तेजप्रताप का कहना है कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था, लेकिन इस सफाई से विवाद थमा नहीं, बल्कि और गहराता गया।

यह पहला मौका नहीं है जब तेजप्रताप यादव विवादों में घिरे हों। पहले भी कई ऐसे मौके आए हैं जब उन्होंने पार्टी और परिवार को असहज स्थिति में डाल दिया। आइए जानते हैं तेजप्रताप से जुड़े 5 सबसे चर्चित विवाद, जिनकी आज भी चर्चा होती है।
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1. आरएसएस के खिलाफ DSS का गठन
साल 2017 में तेजप्रताप यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विरोध में धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (DSS) नाम का संगठन बना डाला। 2022 में उन्होंने इसका पुनर्गठन किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर विमलेश यादव को नियुक्त किया। तेजप्रताप ने दावा किया कि यह संगठन RSS और योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी के जवाब में बनाया गया है। DSS के ज़रिए उन्होंने खुद को एक वैकल्पिक विचारधारा का झंडाबरदार बताने की कोशिश की थी।
2. ऐश्वर्या राय से शादी और तलाक का विवाद
तेजप्रताप यादव और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय की शादी 2018 में बड़े धूमधाम से हुई थी। लेकिन कुछ ही महीनों में रिश्ते में दरार आ गई और मामला तलाक तक पहुंच गया। यह विवाद अब भी कोर्ट में लंबित है। ताजा पोस्ट वायरल होने के बाद लोगों के बीच सवाल उठ रहे हैं कि जब तेजप्रताप 12 साल से एक अन्य रिश्ते में थे, तो ऐश्वर्या राय से शादी क्यों की गई?
3. जगदानंद सिंह से टकराव
2021 में तेजप्रताप यादव ने सार्वजनिक रूप से राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इस विवाद की जड़ थी छात्र राजद में नियुक्ति का मामला। तेजप्रताप समर्थक आकाश यादव को हटाकर गगन यादव को पद दिए जाने पर वह भड़क उठे। विवाद इतना बढ़ा कि लालू यादव को खुद हस्तक्षेप करना पड़ा।
4. होली पर सिपाही को ठुमका लगाने का आदेश
2025 की होली के मौके पर तेजप्रताप यादव फिर विवादों में आ गए जब उन्होंने एक पुलिसकर्मी से मजाक में “ठुमका लगाने” को कहा। तेजप्रताप बोले – “ओ सिपाही, ठुमका लगाओ नहीं तो सस्पेंड कर दिए जाओगे। बुरा न मानो, होली है।” यह वीडियो वायरल हुआ और उनके बयान की कड़ी आलोचना हुई।
5. विधानसभा में धमकी और व्यक्तिगत बात का मुद्दा
2022 में विधानसभा की कार्यवाही के दौरान तेजप्रताप यादव और उनके भाई तेजस्वी यादव के बीच बहस हुई। इस दौरान तेजप्रताप ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से “दो मिनट अकेले में मिलने” की बात कही, जिसे उन्होंने ‘पर्सनल बात’ बताया। इस घटनाक्रम ने तेजप्रताप के आक्रामक तेवर और अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया।
2025 चुनावी साल है और ऐसे समय में तेजप्रताप यादव से जुड़ा हर विवाद पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है। अब जब खुद लालू यादव ने उन्हें परिवार और पार्टी से बाहर कर दिया है, तो सवाल उठता है – क्या तेजप्रताप अब अपनी नई राजनीतिक राह बनाएंगे, या यह सब सिर्फ एक ड्रामा था?
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