International : अयोध्या के राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ध्वजारोहण किए जाने के बाद पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है। पाक ने इसे भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते दबाव का हिस्सा बताया है। मंगलवार को जारी बयान में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि जिस स्थान पर पहले बाबरी मस्जिद थी, उसी भूमि पर मंदिर निर्माण और वहां ध्वजारोहण करना मुस्लिम विरासत को मिटाने की कोशिश प्रतीत होता है।
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पाकिस्तान ने UN से हस्तक्षेप की मांग की
पाकिस्तान ने बाबरी ढांचे को सदियों पुरानी धार्मिक स्थल बताते हुए 1992 की घटना का जिक्र किया और भारतीय अदालतों द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने पर सवाल उठाए।
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इसके साथ ही उसने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों सहित अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और अधिकारों पर खतरा बढ़ रहा है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय तथा UN से अपील की कि वे भारत में बढ़ते कथित इस्लामोफोबिया और अल्पसंख्यकों पर हमलों पर ध्यान दें।
पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और सिख समुदाय पर हमले बढ़े
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान खुद भी अल्पसंख्यक हिंसा को रोकने में विफल रहा है। अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार वहां हिंदू, ईसाई और सिख समुदाय पर हमले, जबरन धर्म परिवर्तन और उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आते रहे हैं। पिछले साल चर्च जलाने के आरोप में पकड़े गए कई लोगों को भी बिना कड़ी कार्रवाई के बरी कर दिया गया था।
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