रथ यात्रा के दौरान लाखों लोग एक साथ सड़कों पर निकलते हैं, भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचते हैं, भजन कीर्तन करते हैं और घंटों तक पैदल चलते हैं. यह सब सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि शारीरिक गतिविधि ध्यान का भी रूप हैं,जो ह्रदय स्वास्थ्य, रक्त संचार और मानसिक शांति के लिए बेहद लाभदायक हैं.
आध्यात्मिकता के साथ फिटनेस का उत्सव
ओडिशा के पुरी में हर साल भव्यता से निकाली जाने वाली रथ यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह एक संपूर्ण लाइफस्टाइल अनुभव बन चुकी है. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को खींचने के लिए लाखों श्रद्धालु सड़कों पर उतरते हैं. यह न सिर्फ आस्था की अभिव्यक्ति है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण अनुभव होता है.
चलने का स्वास्थ्य लाभ
पुरी की रथ यात्रा में लोग 3 किलोमीटर से भी अधिक पैदल चलते हैं. यह भक्तों के लिए एक तरह की वॉकथॉन जैसी होती है, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है. आधुनिक लाइफस्टाइल में जहां लोग कम चलते हैं, ऐसे आयोजनों में हिस्सा लेना कार्डियो हेल्थ और वजन नियंत्रण के लिए लाभदायक हो सकता है.
सादगीपूर्ण खानपान और आयुर्वेदिक महत्व
रथ यात्रा के दौरान भक्त परंपरागत शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करते हैं. खासकर ‘महाप्रसाद’, जो भगवान को अर्पित किया जाता है, उसे हजारों लोग साझा करते हैं. यह न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक होता है, बल्कि इसमें पाचन और संतुलित आहार का ख्याल भी रखा जाता है. कई स्थानों पर आयुर्वेद आधारित पेय और व्यंजन भी बांटे जाते हैं, जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हैं.
डिजिटल डिटॉक्स का अवसर
रथ यात्रा में भाग लेने वाले बहुत से लोग कुछ समय के लिए मोबाइल, सोशल मीडिया और स्क्रीन से दूरी बना लेते हैं. यह उनके लिए एक तरह का डिजिटल डिटॉक्स होता है, जिससे मानसिक शांति और फोकस में सुधार होता है. भीड़ में रहकर भी अपने भीतर झांकने का मौका मिलता है.
सामूहिकता से मिलने वाला मानसिक बल
सामूहिक भक्ति और एकजुटता का यह उत्सव लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करता है. सामूहिक गतिविधियाँ मानसिक तनाव को कम करती हैं और सहयोग की भावना को जन्म देती हैं.
रथ यात्रा भले ही धार्मिक आस्था का प्रतीक हो, लेकिन यह आधुनिक जीवनशैली के लिए भी कई सबक देती है — जैसे शारीरिक सक्रियता, संतुलित आहार, सामूहिकता और मानसिक शांति. यह परंपरा, स्वास्थ्य और संस्कृति का अद्भुत संगम है.












