सुप्रीम कोर्ट में आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई का दूसरा दिन था. इस मामले में विभिन्न पक्षों द्वारा प्रस्तुत तर्कों और सरकार की स्थिति पर चर्चा की गई.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. यह निर्णय तब लिया गया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि कानून पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है.
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके उपयोग में सुधार लाना है. यह अधिनियम विभिन्न धार्मिक संस्थाओं और समुदायों के बीच संपत्ति विवादों को सुलझाने में मदद करने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि, इसके खिलाफ दायर याचिकाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि कुछ समूह इसे संविधान या अन्य कानूनी प्रावधानों के खिलाफ मानते हैं.









