Jharkhand: मंगलवार को बाघमारा के हरिणा चौक पर एक प्रसूता की संदिग्ध मौत के बाद भारी बवाल मच गया। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृतका के परिजन और ग्रामीण अनवित अस्पताल के सामने सोमवार रात से ही धरने पर बैठ गए। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई और मुआवजे की मांग की।
हरिणा चौक जाम, टायर जलाकर जताया विरोध
सुबह से ही लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती गई और दोपहर होते-होते आंदोलन उग्र हो गया। समाधान नहीं निकलने पर आक्रोशित लोगों ने हरिणा चौक पर सड़क जाम कर दिया। बड़ी संख्या में महिलाएं भी विरोध में शामिल थीं। प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर सड़क को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया। इससे दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई और घंटों यातायात बाधित रहा।
परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
बरवाअड्डा थाना क्षेत्र निवासी रमेश महतो ने बताया कि उनकी पुत्री गीता की शादी रामाकुंडा निवासी राजेश महतो से हुई थी। 26 अक्टूबर को प्रसव के लिए गीता को अनवित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रसव के बाद सोमवार को छुट्टी दे दी गई, लेकिन घर पहुंचने के कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन जब उसे फिर अस्पताल लेकर पहुंचे, तो इलाज से इनकार कर दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि प्रसव के बाद डॉक्टरों ने गीता की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया और समय पर उचित इलाज नहीं किया। अस्पताल प्रबंधन से पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जिम्मेदार व्यक्ति उपलब्ध नहीं था।
मौके पर प्रशासन और वार्ता जारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। वहीं, बाघमारा अंचल कार्यालय में प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और अस्पताल प्रबंधन के बीच वार्ता जारी है।
मृतका की गोद में दूधमुंही बच्ची के साथ परिजन अस्पताल के बाहर बैठे हैं, जिससे माहौल अत्यंत भावुक बना हुआ है। वार्ता में मुखिया रिंकू महतो, सांसद प्रतिनिधि सुभाष रवानी समेत कई स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हैं।
स्थानीय लोगों की मांग – दोषियों पर कार्रवाई हो
ग्रामीणों और परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने क्षेत्र में निजी अस्पतालों की लापरवाह कार्यप्रणाली और स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।







