गोविंदपुर: जियलगढ़ा ग्राम पंचायत के लाल बंगला स्थित कंगालो मौजा की झारखंड कॉलोनी को प्रशासन द्वारा खाली कराने की सूचना पर शनिवार को ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. मजदूरी और अन्य कार्य छोड़कर सैकड़ों ग्रामीण सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इस विरोध में महिलाओं की भी भारी भागीदारी रही .
प्रशासन को ग्रामीणों के विरोध के कारण पीछे हटना पड़ा
पूरे गांव को खाली कराने की योजना पर ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया. उनकी एकजुटता और आपत्ति को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी वापस लौट गए. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि वे कानूनी लड़ाई लड़कर बस्ती को बचाने का संकल्प ले चुके हैं.
राजनीतिक नेताओं का समर्थन
भाजपा नेता रमेश कुमार राही मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक अधिकारियों को गांव की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि गांव में 200 परिवार निवास करते हैं, जिनका उजड़ना अन्यायपूर्ण होगा. उन्होंने इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ने की घोषणा की.
बस्ती में बनी सरकारी सुविधाओं का हवाला
ग्रामीणों ने धनबाद उपायुक्त, अनुमंडल अधिकारी एवं अंचल अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और बस्ती को बचाने की अपील की. उन्होंने बताया कि झारखंड कॉलोनी गैरमजरुआ जमीन पर बसी है, जहाँ सरकारी राशि से कई सुविधाएँ बनाई गई हैं. इनमें पांच पानी टंकी, तीन सोलर टंकी, दो आंगनबाड़ी केंद्र, 16 इंदिरा आवास, 22 प्रधानमंत्री आवास, 145 शौचालय, एक तालाब, एक कुआं, कई चापाकल, पीसीसी सड़क, चबूतरा आदि शामिल हैं.
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नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद ढुलू महतो से मिले ग्रामीण
गांव बचाओ समिति के अध्यक्ष राजू गोप, शंकर तुरी, अमित कुमार आदि धनबाद सर्किट हाउस में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी एवं सांसद ढुलू महतो से मिले. सांसद ढुलू महतो ने प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की और गांव को बचाने के लिए कानूनी रूप से आगे बढ़ने का निर्देश दिया. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस गांव को उजड़ने से हर हाल में बचाया जाएगा.







