Business News: 15 सितंबर वित्त वर्ष 2024-25 के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख है। यदि आपने अब तक ITR फाइल नहीं किया है, तो आज ही घर बैठे इसे भर सकते हैं। समय पर ITR फाइल नहीं करने पर ₹5,000 तक जुर्माना और हर महीने 1% ब्याज देना पड़ सकता है।
ITR फाइल करने के 4 आसान स्टेप्स
1. जरूरी दस्तावेज रखें तैयार:
- फॉर्म 16 – सैलरी और TDS का प्रमाण
- फॉर्म 26AS और AIS (Annual Information Statement)
- बैंक स्टेटमेंट, ब्याज प्रमाण पत्र
- इन्वेस्टमेंट प्रूफ – LIC, PPF, NSC आदि
- होम लोन की डिटेल, किराए की रसीद, कैपिटल गेन की जानकारी
2. सही ITR फॉर्म का चयन करें:
फॉर्म |
उपयुक्तता |
ITR-1 (सहज) |
वेतन, एक मकान, अन्य स्रोत (ब्याज) और ₹50 लाख तक की आय |
ITR-2 |
एक से अधिक घर या कैपिटल गेन वालों के लिए |
ITR-3 |
बिजनेस या प्रोफेशन से आय वालों के लिए |
ITR-4 (सुगम) |
प्रिजम्प्टिव टैक्स स्कीम के तहत रिटर्न भरने वालों के लिए |
3. कहां और कैसे भरें ITR?
- इनकम टैक्स वेबसाइट पर लॉगिन करें
- पैन और पासवर्ड से ई-फाइलिंग पोर्टल में प्रवेश करें
- सही ITR फॉर्म चुनकर जानकारी भरें
- टैक्स कैलकुलेट करें, अगर बाकी है तो ऑनलाइन भुगतान करें
4. रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन करें:
रिटर्न फाइल करने के 30 दिन के भीतर ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य है। वेरिफिकेशन के विकल्प:
- आधार OTP
- नेट बैंकिंग
- डीमैट/बैंक अकाउंट
- या साइन किया हुआ ITR-V बेंगलुरु भेजें
एक्सपर्ट की सलाह कब लें?
अगर आपकी आय में शामिल हैं:
- सैलरी + शेयर ट्रेडिंग
- कैपिटल गेन
- हाउस लोन
- अन्य स्रोतों से आय
तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सलाह लेकर ही ITR फाइल करें ताकि भविष्य में नोटिस या पेनल्टी से बचा जा सके।
ITR समय पर न भरने के क्या नुकसान हैं?
लेट फीस:
- 15 सितंबर तक न भरने पर: ₹5,000 जुर्माना
- 31 दिसंबर के बाद: ₹10,000 तक जुर्माना
- यदि आय ₹5 लाख तक है: अधिकतम ₹1,000
ब्याज का भार:
- देरी पर टैक्स की बकाया राशि पर हर महीने 1% ब्याज
- उदाहरण: ₹1 लाख टैक्स बचा है तो हर माह ₹1,000 ब्याज
पुरानी टैक्स व्यवस्था का नुकसान:
तय तारीख के बाद ITR भरने पर आप पुरानी टैक्स व्यवस्था (जहां छूट मिलती है) का विकल्प नहीं चुन पाएंगे।
1 दिन की देरी पर ₹6,104 का नुकसान (उदाहरण):
- आय: ₹13 लाख
- टैक्स देनदारी: ₹1,04,000
- यदि ITR 15 सितंबर को भरा: सिर्फ ₹1,04,000
- अगर 16 सितंबर को भरा: ₹1,10,104 (₹5,000 लेट फीस + ₹1,040 ब्याज)
गलत जानकारी देने से बचें
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब AI आधारित डाटा एनालिसिस करता है। गलत डिडक्शन या झूठी जानकारी जैसे – LIC, मेडिक्लेम, हाउस लोन, चंदा आदि दिखाने पर भविष्य में नोटिस, ब्याज, और जुर्माना लग सकता है।












