Jharkhand: एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए, लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस और रांची पुलिस ने मिलकर झारखंड की राजधानी रांची से एक फर्जी सरकारी नौकरियों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस संयुक्त अभियान में इस गिरोह के तीन प्रमुख सदस्यों – चंदन कुमार सिंह, गौतम कुमार और विनोद कुमार को गिरफ्तार किया गया।
नौकरी घोटाला कैसे संचालित होता था
यह गिरोह बेरोज़गार युवाओं को आर्मी इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस), भारतीय रेलवे और केंद्र सरकार के विभागों में उच्च वेतन वाली नौकरियों का वादा करके लुभा रहा था। पुलिस रिपोर्टों में बताया गया है कि:
घोटालों ने खुद को विश्वसनीय तरीके से पेश करने के लिए फर्जी दस्तावेज़, नकली नियुक्ति पत्र और फर्जी इंटरव्यू कॉल का इस्तेमाल किया। पीड़ितों से “पक्की” सरकारी नौकरियों के लिए भारी रकम वसूली जा रही थी।
जांच में पता चला कि गिरोह ने नौकरी के इच्छुक लोगों से ₹1.2 करोड़ से ज़्यादा की ठगी की थी। एक मामले में, उन्होंने कथित तौर पर बरियातू (रांची) निवासी अभिषेक कुमार को एमईएस में नौकरी दिलाने का वादा करके ₹37 लाख की ठगी की।
खुफिया-पुलिस संयुक्त कार्रवाई
यह कार्रवाई लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस को मिली खुफिया जानकारी के बाद शुरू हुई कि रांची से एक फर्जी नौकरी नेटवर्क काम कर रहा है। तुरंत कार्रवाई करते हुए, उन्होंने स्थानीय पुलिस से संपर्क कर छापेमारी की और संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए फर्जी दस्तावेज, फर्जी नियुक्ति पत्र, कई मोबाइल फोन और बैंक लेनदेन रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं।
आगे की जाँच जारी है
अधिकारियों का मानना है कि इस रैकेट के तार अन्य राज्यों से भी जुड़े हो सकते हैं। रांची पुलिस के दस्ते वर्तमान में और घोटालेबाजों की तलाश के लिए आरोपियों की वित्तीय गतिविधियों और संचार नेटवर्क पर नज़र रख रहे हैं।







