Dhanbad : धनबाद जिले के कोयला खनन क्षेत्रों में बढ़ती भू-धंसान एवं भूस्खलन की घटनाओं को लेकर जिला प्रशासन ने गहरी चिंता व्यक्त की है। बुधवार को उपायुक्त आदित्य रंजन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें खनन कार्यों की सुरक्षा व्यवस्था और जन-धन की क्षति रोकने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई।
उपायुक्त ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कोलियरी इलाकों में भू-धंसान की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे लोगों की जान-माल की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में प्रबंधन की लापरवाही और आउटसोर्सिंग एजेंसियों की उदासीनता सामने आई है, जिससे बड़ी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। उपायुक्त ने बीसीसीएल को खनन कार्यों में सुरक्षा नियमों और ब्लास्टिंग मानकों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया।
उन्होंने डीजीएमएस को विगत तीन महीनों के निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, जिसमें यह बताया जाए कि कितने स्थलों का निरीक्षण हुआ और उल्लंघन पाए जाने पर क्या कार्रवाई की गई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि केवल प्रशिक्षित कर्मियों से ही ब्लास्टिंग कराई जाए और ओवर बर्डन डंपिंग केवल लीज होल्ड क्षेत्र में ही की जाए।
एसएसपी ने बीसीसीएल को तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए
एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि खनन कार्यों में सावधानी बरती जाए ताकि जान-माल की हानि न हो। उन्होंने झरिया के इंदिरा चौक की खतरनाक स्थिति पर चिंता जताई और बीसीसीएल को तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।
एसएसपी ने बीसीसीएल, डीवीसी, एफसीआईएल और रेलवे से अतिक्रमित आवासों की सूची उपलब्ध कराने को कहा, क्योंकि ऐसे आवास अपराधियों के ठिकाने बन जाते हैं, जिससे विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती है। उन्होंने खतरनाक आवासों को जल्द तोड़ने और खनन क्षेत्रों की जोखिमपूर्ण सड़कों की पहचान कर प्रशासन को जानकारी देने को कहा।
बैठक में बीसीसीएल, ईसीएल, सीआईएसएफ, टाटा, सेल और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने सुरक्षा मानकों के कठोर अनुपालन, जोखिम आकलन, और जन-जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उपायुक्त ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य हर हाल में खनन सुरक्षा सुनिश्चित करना और जन-धन की हानि को शून्य पर लाना है।








