Amarnath Yatra 2025: हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र – बाबा अमरनाथ की यात्रा 2025 में फिर से शुरू हो गई है. इस बार यात्रा की शुरुआत बेहद शुभ मानी जा रही है, क्योंकि 11 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गुफा में पहली पूजा और बाबा बर्फानी के दर्शन विधिवत संपन्न हुए. जानिए कब और कैसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन – ज़रा सी चूक और छूट सकता है मौका!
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर हुई विधिपूर्वक पूजा
अमरनाथ गुफा में इस वर्ष की पहली पूजा 11 जून को श्राइन बोर्ड द्वारा आयोजित की गई. पहलगाम से 34 किमी दूर स्थित इस पवित्र गुफा में हिमलिंग का प्रथम दर्शन हुआ. इसी के साथ यात्रा की तैयारियों को हरी झंडी मिल गई है. श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी – यानी पूरे 38 दिनों तक शिवभक्ति का पर्व मनाया जाएगा.
इस तारीख से शुरू हो रही है यात्रा
यात्रा आरंभ: 3 जुलाई 2025
समापन: 9 अगस्त 2025
पंजीकरण अनिवार्य और सीमित – जल्दी करें, देर की तो स्लॉट फुल हो सकता है!
सुरक्षा को लेकर पूरे इलाके में ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित
1 जुलाई से पूरे अमरनाथ मार्ग को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया गया है. साथ ही इस बार 581 अतिरिक्त सुरक्षा कंपनियों की तैनाती की जा रही है, ताकि यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित रहे.
घर बैठे, चंद मिनटों में– ऐसे करें रजिस्ट्रेशन!
अगर आप भी बाबा बर्फानी के दर्शन करना चाहते हैं, तो बिना देर किए अभी करें ऑनलाइन पंजीकरण.
आसान स्टेप्स:
- ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं: [Shri Amarnathji Shrine Board (SASB)]
- ‘Yatra Permit Registration’ पर क्लिक करें
- व्यक्तिगत और यात्रा से जुड़ी जानकारी भरें
- डॉक्यूमेंट अपलोड करें:
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान पत्र (Aadhaar/Passport/Voter ID/Driving License)
- हेल्थ सर्टिफिकेट (राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल सेंटर से)
- पेमेंट करें और रजिस्ट्रेशन स्लिप डाउनलोड करें
- यात्रा में प्रवेश के लिए यह स्लिप अनिवार्य होगी
जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट – पहले से तैयार रखें:
- हाल की पासपोर्ट साइज फोटो
- पहचान पत्र (Aadhaar, Passport, Voter ID, DL में से कोई एक)
- मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट (अनुमोदित सेंटर से)
अमरनाथ यात्रा की धार्मिक महत्व – क्यों खास है यह तीर्थ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमरनाथ की गुफा वही जगह है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था. वहीं, इस दौरान दो कबूतरों ने भी वह कथा सुन ली थी, और माना जाता है कि वे आज भी जीवित हैं. कहते हैं कि, “काशी में शिवदर्शन से 10 गुना और प्रयाग में दर्शन से 100 गुना अधिक पुण्य अमरनाथ में मिलता है!”












