Dhanbad: गौशाला बाजार में अतिक्रमण हटाने को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। न्यायालय के निर्देश पर 23 अप्रैल को शुरू हुआ अतिक्रमण हटाओ अभियान स्थानीय लोगों के भारी विरोध के चलते तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया। प्रभावित परिवारों ने तीन माह की मोहलत की मांग करते हुए पुनर्वास की माँग उठाई है।
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दण्डाधिकारी लाल बाल किशोर साहदेव ने क्षेत्रीय निरीक्षण के दौरान लोगों की स्थिति को देखते हुए 15 दिनों की अतिरिक्त समयावधि का प्रस्ताव दिया, लेकिन स्थानीय लोग तीन माह के समय पर अड़े रहे। दण्डाधिकारी ने एफसीआई के गौशाला स्थित प्लाट नंबर 987 पर अवैध रूप से रह रहे लोगों से उनके विचार सादे कागज पर दर्ज करवाए और बिना कोई समय निर्धारित किए वापस लौट गए।
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एफसीआई के वित्तीय एवं संपदा सलाहकार देवदास अधिकारी ने बताया कि दण्डाधिकारी केवल न्यायालय के आदेश का अनुपालन कर रहे थे और समयावधि बढ़ाने का अधिकार उनके पास नहीं था। इस संबंध में उन्होंने पूरी रिपोर्ट सिविल जज चतुर्थ के न्यायालय में प्रस्तुत कर दी है। अब निर्णय न्यायालय को लेना है, और सभी की निगाहें अदालत के आगामी फैसले पर टिकी हैं।
इस बीच मंगलवार को गौशाला के निवासियों ने धनबाद के अपर समाहर्ता को ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। ज्ञापन में उन्होंने पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित किए बिना अतिक्रमण न हटाने की अपील की है।