रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में स्पेन और स्वीडन दौरे पर गये झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने दोनों देशों के निवेशकों को खनन क्षेत्र में निवेश का न्यौता दिया है। विशेष रूप से खनिज ब्लॉक की नीलामी और खनन उपकरण निर्माण के क्षेत्र में निवेश के अवसरों को रेखांकित किया गया।
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इस दौरान खान सचिव अरवा राजकमल और निदेशक राहुल कुमार सिन्हा ने निवेशकों के समक्ष प्रेजेंटेशन (PPT) के माध्यम से झारखंड की खनिज संपदा और निवेश संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
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खनिज संपदा में समृद्ध झारखंड: निवेश के अनगिनत अवसर
प्रस्तुति में बताया गया कि झारखंड भारत के कुल खनिज भंडार का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा समेटे हुए है, जिससे यह देश के सबसे धनी खनिज राज्यों में शामिल है। खनिज उत्पादन के मामले में झारखंड देश में पांचवें स्थान पर है और इसकी संपदा भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती है।
राज्य में कोयला, लौह अयस्क, तांबा, बॉक्साइट, चूना पत्थर, डोलोमाइट, क्वार्ट्जाइट, मैंगनीज, यूरेनियम, चाइना क्ले, ग्रेफाइट, सोपस्टोन, फायर क्ले, फॉस्फोराइट, एपेटाइट, क्वार्ट्ज, फेल्ड्सपार, सोना और पाइरोक्सीनाइट जैसे बहुमूल्य खनिज प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं।
झारखंड को देश में कोकिंग कोल का एकमात्र उत्पादक होने का गौरव भी प्राप्त है। इसके अलावा, राज्य कोयला भंडार में दूसरे, लौह अयस्क में दूसरे, तांबा अयस्क में तीसरे और बॉक्साइट में सातवें स्थान पर है।
खनिज मानचित्र पर झारखंड की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रस्तुति के माध्यम से यह भी बताया गया कि खनिज संसाधनों के मामले में झारखंड की भूमिका देश के खनिज मानचित्र पर अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार की सक्रिय नीतियों और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया से राज्य में निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है, जो विदेशी निवेशकों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है।