झारखंड की ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अबुआ आवास योजना में हो रही लापरवाही पर गहरी नाराज़गी जताई है. हाल ही में हुई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मंत्री ने निर्देश दिए कि आवास निर्माण में तेजी लाई जाए और लाभुकों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
एक लाख आवास पूर्ण करने का लक्ष्य
मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान पूरी हुई आवास संख्या को “अत्यंत निराशाजनक” बताते हुए कहा कि सरकार की मंशा के अनुरूप काम नहीं करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. उन्होंने 15 जून 2025 तक एक लाख आवास पूर्ण करने का लक्ष्य सभी जिलों को सौंपा है और 2023-24 में स्वीकृत सभी आवासों को अगले छह माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
Read more: रांची में RTE अधिनियम के अंतर्गत 672 छात्रों का चयन, लॉटरी प्रक्रिया संपन्न
कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
बैठक में मंत्री ने जियो टैगिंग के 10 दिनों के भीतर किस्त न जारी करने को “घोर लापरवाही” करार देते हुए संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने यह भी कहा कि लाभुकों को जियो टैगिंग की सुविधा दी गई है, लेकिन सात दिनों के भीतर सत्यापन न करने पर कर्मियों से जवाब तलब किया जाएगा.
Read more: झारखंड में नकली दवाइयों पर सख्ती: QR कोड से होगी दवा की असली पहचान
योजना में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता
गृह प्रवेश कार्यक्रमों के जिलावार आयोजन और निर्माणाधीन आवासों की समयबद्ध पूर्णता को सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता हैं. उन्होंने जिलों को निर्देशित किया कि जियो टैगिंग सत्यापन के बाद योजना की राशि लाभुकों के बैंक खातों में तत्काल स्थानांतरित की जाए.
“जीरो टॉलरेंस” की नीति
अबुआ आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्री ने रिक्त पदों की शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं, ताकि कार्य में गति और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके. मंत्री सिंह ने दोहराया कि इस योजना में किसी भी तरह की लापरवाही पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाएगी.







