Jharkhand: नीरज सिंह हत्याकांड में आरोपी डब्लू मिश्रा की याचिका पर मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई। आरोपी के अधिवक्ताओं देवी शरण सिन्हा और मुहम्मद जावेद ने अदालत को बताया कि घटना की तारीख 31 मार्च 2017 को डब्लू मिश्रा धनबाद में नहीं बल्कि अपनी पत्नी के साथ समस्तीपुर के दलसिंहसराय स्थित स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड में मौजूद थे, जहाँ उन्होंने टेंट हाउस के लिए लिए गए लोन की राशि 25 हजार रुपये निकाले थे। उन्होंने दलील दी कि बैंक मैनेजर को इस दावे की पुष्टि के लिए गवाही के रूप में बुलाया जाए।
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इस मांग का विरोध अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता सतेंद्र राय ने किया। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी ने अभियोजन पक्ष को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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उधर, धनजी सिंह और डब्लू मिश्रा की ओर से पहले दिए गए एक अन्य आवेदन पर आज भी आदेश पारित नहीं हो सका। अदालत ने इस पर अभियोजन की बहस के लिए बुधवार की तारीख निर्धारित की है। उक्त आवेदन में कहा गया है कि पुलिस द्वारा रिंकू सिंह के खिलाफ दायर आरोप पत्र में हत्या के कारणों का विवरण दिया गया है, जो इस केस में बेहद अहम है। इसलिए कांड के जांच अधिकारी को एक बार फिर से गवाही के लिए बुलाया जाए।
गौरतलब है कि 21 मार्च 2017 को शाम लगभग 7 बजे नीरज सिंह अपने सरकारी वाहन (फॉर्च्यूनर, नंबर JH10AR-4500) से सरायढेला स्थित अपने आवास ‘रघुकुल’ लौट रहे थे। कार में उनके साथ आगे की सीट पर ड्राइवर बैठा था, जबकि पीछे की सीट पर उनके सहायक अशोक यादव और दो निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी सवार थे। जैसे ही उनकी कार स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर के पास पहुँची और उसकी गति धीमी हुई, दो मोटरसाइकिलों पर सवार कम से कम चार हमलावरों ने कार पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें नीरज सिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी।