Ranchi News: राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक और आस्था का प्रतीक पहाड़ी मंदिर को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. मंदिर की मरम्मत और जीर्णोद्धार कार्य के चलते इसे सोमवार और मंगलवार को श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी रूप से बंद रखा जाएगा.
मुख्य मंदिर में चल रहा मरम्मत कार्य
मंदिर कमेटी के अनुसार, मुख्य मंदिर के अंदर संरक्षण और मरम्मत का काम तेज़ी से जारी है. मंदिर की संरचना में आई कमजोरी को ठीक करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. इस दौरान श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रहेगा.
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हालांकि, जलार्पण करने वालों के लिए व्यवस्था की गई है. मंदिर परिसर के बाहर एक विशेष ड्रम रखा गया है, जिसमें श्रद्धालु जल अर्पित कर सकते हैं. बाद में उस जल को पहाड़ी बाबा को समर्पित किया जाएगा.
श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील
मंदिर विकास समिति और मंदिर कमेटी के सचिव सह एसडीओ उत्कर्ष कुमार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और इन दो दिनों के दौरान पास के महाकाल मंदिर या विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करें.
चूहों ने बढ़ाई मंदिर की परेशानियाँ
मंदिर में जारी जीर्णोद्धार कार्य की एक बड़ी वजह चूहों की बढ़ती संख्या है. इन चूहों ने मंदिर की नींव, फर्श और दीवारों में सुरंगें बनाकर उसे अंदर से क्षतिग्रस्त कर दिया है. मंदिर परिसर में लगे पेड़ों की जड़ें भी कमजोर हो गई हैं, जिससे उनके गिरने का खतरा बना हुआ है.
मिट्टी कटाव और अधूरा सौंदर्यीकरण भी बना समस्या
बारिश के दौरान पहाड़ी की मिट्टी में लगातार कटाव हो रहा है, जिससे मंदिर परिसर के साथ-साथ आसपास की आबादी भी खतरे में है.
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मंदिर प्रबंधन की जानकारी के अनुसार:
कमजोर जगहों पर टाइल्स बिछाकर मिट्टी को ढकने का प्रयास किया जा रहा है. गार्ड वॉल का निर्माण किया जा रहा है, ताकि मिट्टी बहने से रोकी जा सके. हालांकि ये कार्य अभी अधूरे हैं.
2016 से अब तक खर्च हुए करोड़ों, पर…
जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन परिणाम अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे.
वर्ष 2016 में मुख्य मंदिर के नीचे बना यात्री शेड तोड़ दिया गया, जिससे मंदिर की नींव और अधिक कमजोर हो गई. अब इस जीर्णोद्धार कार्य से उम्मीद है कि मंदिर की स्थिति जल्द सुधरेगी और श्रद्धालु एक बार फिर सुरक्षित माहौल में दर्शन कर सकेंगे.








