KhabarMantra: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर करीब 2:30 बजे हुए बर्बर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में दो विदेशी पर्यटकों समेत 26 लोगों की जान चली गई, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकियों ने लोगों की पहचान पूछकर गोली चलाई। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है।
हमले के बाद केंद्र सरकार में हड़कंप मच गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा बीच में ही छोड़ दी और भारत लौट आए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बैसरन मैदान में सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक भी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और शीर्ष सुरक्षा अधिकारी शामिल थे।
गृह मंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “भारत आतंक के आगे कभी नहीं झुकेगा। इस अमानवीय हमले में शामिल किसी भी आतंकी को बख्शा नहीं जाएगा। हम दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाकर रहेंगे। यह देश मासूमों की हत्या को कभी माफ नहीं करेगा।”
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अमित शाह ने कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द हर भारतीय महसूस कर रहा है। यह पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। लेकिन मैं देश को विश्वास दिलाता हूं कि हम इन दरिंदों को उनकी सजा जरूर देंगे।”
इधर, रक्षा मंत्रालय ने भी घटना को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त और रणनीतिक कदम उठाने पर चर्चा की गई।
देशभर में इस हमले को लेकर गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई है। आम नागरिकों से लेकर नेताओं और सामाजिक संगठनों तक सभी ने इस घटना की निंदा की है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
सरकार ने हमले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं और सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के निर्देश भी जारी किए हैं।











