Jharkhand : झारखंड के रामगढ़ जिले के करमा प्रोजेक्ट में हुए दर्दनाक हादसे पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम् नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया, तो वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।
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मरांडी का आरोप: यह हादसा नहीं, हत्या है!
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि,
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“यह कोई हादसा नहीं, यह हत्या है। यह हत्या उस भ्रष्ट और निकम्मी हेमंत सरकार की लापरवाही से हुई है, जो दिन के उजाले में चल रहे इस अवैध कोयला कारोबार पर आंखें मूंदे बैठी है। कब तक झारखंड के गरीब यूँ ही अपनी जान गँवाते रहेंगे?”
उन्होंने दावा किया कि रामगढ़, धनबाद, हज़ारीबाग़ और बोकारो में कोयले के अवैध कारोबार ने मौत का कारोबार बना दिया है। मरांडी ने पुलिस और प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब “सरकारी संरक्षण” में हो रहा है। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा,
“इस सरकार को हर एक जान का हिसाब देना होगा। राज्य को अगर अवैध डीजीपी चला रहे हैं, तो जनता की सुरक्षा की उम्मीद किससे करें?”
कांग्रेस का पलटवार: सीसीएल केंद्र के अधीन, जवाब दे कोयला मंत्री
मरांडी के आरोपों पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा,
“अगर बाबूलाल जी को यह हादसा हत्या लग रही है, तो देश के कोयला मंत्री पर हत्या का FIR दर्ज होना चाहिए। करमा प्रोजेक्ट CCL का है और CCL सीधे केंद्र सरकार के अधीन है। अगर दिन के उजाले में अवैध खनन हो रहा था, तो CISF क्या कर रही थी, जो CCL में तैनात है?”
सिन्हा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि,
“भाजपा की सरकार में अगर रेल दुर्घटना हो तो जिम्मेदारी रेल मंत्री की नहीं, बॉर्डर फेल हो तो गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं, और अगर अवैध खनन हो रहा है तो कोयला मंत्री की जिम्मेदारी नहीं? भाजपा अपनी जवाबदेही से कब तक भागेगी?”
राजनीति गरम, मजदूरों की सलामती पर दुआएं जारी
इस बीच हादसे में फंसे मजदूरों के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और राज्य भर से दुआओं का सिलसिला भी। राजनीतिक बयानबाजी के बीच आम लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि इस मौत के सौदे के लिए असली जिम्मेदार आखिर कौन है – राज्य सरकार या केंद्र?