Ranchi : राजधानी रांची स्थित बिरसा मुंडा होटवार सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। होटवार जेल में बंद शराब माफियाओं का डांस वाले वीडियो के वायरल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कभी लालू यादव और हेमंत सोरेन जैसे दिग्गज नेताओं की मेजबानी कर चुकी इस जेल में भ्रष्टाचार और विशेष सुविधाओं का गंदा खेल चलने के आरोप गंभीर रूप से उभरे हैं।
रसूखदार कैदियों को पैसे के बल पर वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है
बाबूलाल ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जेल में बंद रसूखदार कैदियों को पैसे के बल पर वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। इनके लिए विशेष वार्ड बने हैं, जिनमें रहने के लिए तय एंट्री फीस और मासिक खर्च लिया जाता है। जेल प्रशासन के कुछ अधिकारी और कर्मचारी मिलकर इन कैदियों के लिए गैरकानूनी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं-चाहे वो मोबाइल हो, शराब हो या अन्य विलासिता की चीजें।
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बाबूलाल ने कहा कि जब अधिकारी रॉबर्ट निशांत बेसरा ने इस “वीआईपी कल्चर” पर रोक लगाने की कोशिश की, तो उनका तबादला कर दिया गया। वहीं, हाल ही में हजारीबाग जेल में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित कारापाल दिनेश वर्मा को न केवल बहाल किया गया, बल्कि बिरसा मुंडा जेल का प्रभारी भी बना दिया गया, जिससे सवाल उठने लगे हैं।
बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति से इतना बड़ा कांड नहीं हो सकता
जेल का ये गंदा खेल अकेले छोटे-मोटे कर्मचारियों के बस की बात नहीं। बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति, सहमति एवं हिस्सेदारी के ये कैसे हो सकता है? इसके लिये सीधे जेल आईजी ज़िम्मेदार हैं, इसलिये निलंबन की कार्रवाई तो आईजी पर होनी चाहिये। आईजी को ये बताना चाहिए कि किसके आदेश पर वे जेल में ये सब धंधा करवा रहे थे?
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बाबूलाल ने कहा कि शराब घोटाले के एक हाईप्रोफाइल आरोपी का डांस वीडियो वायरल होने के बाद दो कर्मचारियों को निलंबित कर खानापूर्ति कर दी गई, लेकिन असल जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई।
अब सवाल उठ रहा है क्या ये सब जेल आईजी की जानकारी और अनुमति के बिना संभव है?
जेल आईजी, सीआईडी और आईजी मिलकर चला रहे धंधा
शराब घोटाले के जिस हाईप्रोफ़ाइल क़ैदी की जेल में डांस करते और वीडियो बनाते तस्वीर वायरल हुई है, इसमें एक वही व्यक्ति है जिसे चार्जशीट समय पर दाखिल न कर ज़मानत पर निकलवाने की सुविधा एसीबी सह सीआईडी के पूर्व डीजीपी ने प्रदान करवायी है। जेल आईजी, सीआईडी के भी आईजी हैं। लगता है ये सारे लोग आपस में मिलजुलकर ये सब गोरखधंधा चला रहे हैं।
मरांडी ने मामले में उच्च न्यायालय झारखंड के जेलों में हो रहे गैरकानूनी कार्यों पर संज्ञान लेने की मांग की है। हाईकोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में “जेल में चल रहे खेल” एवं उच्चाधिकारियों के संलिप्तता एवं उनके मनमाने कार्यों की जॉंच करायें ताकि लोगों को पता तो चले कि आख़िर ये हो क्या रहा है?












