हजारीबाग: शहरी क्षेत्र में तीन पहिया वाहन (ऑटो और टोटो) चलाने वाले चालकों पर जिला परिवहन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है. जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) बैद्यनाथ कामती ने जानकारी दी है कि अब हजारीबाग में नियमित रूप से तीन पहिया वाहनों की जांच अभियान चलाया जायेगा. इस दौरान जिन चालकों के पास वैध तीन पहिया ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होगा, उनसे ₹5000 का जुर्माना वसूला जायेगा. साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है, जिसमें जेल भेजे जाने की आशंका है.
यातायात नियमों की खुलेआम हो रही अनदेखी
DTO बैद्यनाथ कामती ने बताया कि शहर में बड़ी संख्या में ऑटो और टोटो चालक ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. इसका असर शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर जाम के रूप में देखने को मिल रहा है. जांच के दौरान ड्राइविंग लाइसेंस के साथ-साथ अन्य दस्तावेज जैसे वाहन का फिटनेस, परमिट, इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) की भी जांच की जाएगी.
कम उम्र के चालकों और अपूर्ण दस्तावेजों की भरमार
परिवहन विभाग की मानें तो शहर और आसपास के इलाकों में ऑटो व टोटो की संख्या तेजी से बढ़ी है. इनमें अधिकांश चालक या तो कम उम्र के हैं या उनके पास आवश्यक कागजात नहीं हैं. कई चालक ऐसे भी हैं जिनके दस्तावेज पूरी तरह से अपडेट नहीं हैं. यही कारण है कि शहर की सड़कें आए दिन ट्रैफिक जाम की शिकार हो रही हैं.
लाइसेंस बनवाने के लिए प्रेरित कर रही रोड सेफ्टी टीम
परिवहन कार्यालय से तीन पहिया ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा रहा है. विभाग से जुड़ी रोड सेफ्टी टीम लगातार चालकों को समय रहते ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जागरूक कर रही है. DTO ने कहा कि वाहन चलाना रोज़गार का जरिया है, लेकिन इसके लिए कानून का पालन जरूरी है.
नियम तोड़ने वालों से पिछले महीने वसूले गए ₹6 लाख से ज्यादा जुर्माना
DTO ने यह भी बताया कि मई माह में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में विभाग ने 100 से अधिक लोगों से ₹6 लाख से अधिक का जुर्माना वसूला है. शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, फिर भी दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं पहनते, ट्रिपल राइडिंग करते हैं और चार पहिया वाहन चालक सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करते.
अब हजारीबाग में ऑटो और टोटो चालकों के लिए बिना ड्राइविंग लाइसेंस और जरूरी दस्तावेजों के वाहन चलाना भारी पड़ सकता है. विभाग की चेतावनी साफ है—सड़क पर उतरने से पहले सभी नियमों का पालन करें, अन्यथा जुर्माना और कानूनी कार्रवाई दोनों झेलनी पड़ सकती है.







