Viral Video: एटा जिले के दनारपुर गाँव में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें मणि सिंह यादव, जो एक कथावाचक हैं और पिछड़ी जाति से संबंधित हैं, को गाँव के कुछ ब्राह्मणों द्वारा धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने पर शर्मिंदा किया गया. मणि सिंह यादव ने एक भगवद कथा का आयोजन किया था, लेकिन जब उन्हें उनकी जाति के बारे में सवाल किया गया और उन्होंने बताया कि वे यादव जाति से हैं, तो कुछ ब्राह्मणों ने यह दावा किया कि उन्हें ‘व्यास पीठ’ पर बैठने का कोई हक नहीं है.
स्थानीय लोगों ने उन्हें अपमानित करते हुए कहा, “यह झूठा पंडित है, यह चमड़ है और इसे हमारे गाँव में भगवद कथा करने का कोई हक नहीं है.” इसके बाद, आरोपियों ने मणि सिंह का सिर मुंडवा दिया, उनकी चोटी काट दी, और उनके हारमोनियम को तोड़ डाला. इसके बाद उन्हें एक महिला के पैरों पर अपना सिर रगड़ने के लिए मजबूर किया, जिसे एक तरह का “शुद्धिकरण” संस्कार बताया गया.
कानूनी कार्रवाई की मांग
घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें आरोपियों के नाम अतुल, मनीष, पप्पू और 50 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. हालांकि, अब तक प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक बयान या कार्रवाई नहीं की गई है. इस घटना ने सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की है और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों ने इसे जातिवाद और धार्मिक भेदभाव का घिनौना उदाहरण बताते हुए तत्काल न्याय की मांग की है.
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इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि भारत के ग्रामीण हिस्सों में आज भी जातिवाद और धार्मिक भेदभाव की गहरी जड़े मौजूद हैं, जो 21वीं सदी में भी समाज में विषमताओं और असमानताओं को जन्म दे रही हैं.












