Ranchi News- झारखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंधु तिर्की ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. बता दें रघुवर दास ने पेसा कानून को लागू न किए जाने का कारण “विदेशी धर्म” को बताया था. जिसको बंधु तिर्की ने अतार्किक, हल्की और भ्रामक बयानबाज़ी करार देते हुए कहा कि, रघुवर दास को यह स्पष्ट करना चाहिए कि झारखंड में उन्हें कौन-सा विदेशी धर्म दिखाई दे रहा है जो पेसा नियमावली के रास्ते में बाधा बन रहा है.
झारखंड की अस्मिता पर चोट नहीं सहेगा इंडि गठबंधन: तिर्की
बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड सरकार विशेष रूप से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पेसा नियमावली को लेकर संवेदनशील और गंभीर हैं. यह सरकार किसी राजनीतिक एजेंडे के बजाय जनाकांक्षाओं के आधार पर निर्णय लेती है, न कि भाजपा की तरह एकतरफा और मनमाने तरीकों से. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार पर केवल जनता की उम्मीदों का दबाव है, किसी और का नहीं.
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सरना धर्म कोड पर भी भाजपा को घेरा
बंधु तिर्की ने भाजपा नेताओं से यह सवाल किया कि आदिवासी धर्म-संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता दिखाने के बजाय वे अब तक सरना धर्म कोड के लिए केंद्र सरकार पर दबाव क्यों नहीं बना पाए. अगर वाकई रघुवर दास और भाजपा आदिवासियों के अस्तित्व और पहचान के प्रति ईमानदार हैं, तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सरना धर्म कोड लागू करवाने की मांग करनी चाहिए.
झारखंड की जमीन की सुरक्षा और आदिवासी अधिकारों की बात
उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रघुवर दास के शासनकाल में सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ की कोशिश की गई और झारखंड की ज़मीनें उद्योगपतियों को सौंपने की साजिशें रची गईं, मगर जनता ने उसे नाकाम कर दिया.
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तेज़ी से आगे बढ़ रही है हेमंत सरकार – तिर्की
बंधु तिर्की ने जोर देकर कहा कि हेमंत सरकार जल, जंगल, जमीन की रक्षा के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है और आदिवासी अस्मिता, अस्तित्व व पहचान से बड़ा कोई मुद्दा नहीं है.
सरकार आदिवासियों से जुड़े मामलों में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी. भाजपा को चाहिए कि वह सकारात्मक सहयोग दे, राज्य के विकास में भूमिका निभाए, न कि विरोध की राजनीति करे.







