झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 19 अप्रैल से 27 अप्रैल तक विदेश यात्रा पर रहेंगे. मुख्यमंत्री के यात्रा का उद्देश्य झारखंड में विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है.
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दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 19 अप्रैल से 27 अप्रैल तक स्पेन और स्वीडन के दौरे पर है. इस यात्रा में मुख्यमंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल शामिल है, जिसमें कुल 11 सदस्य हैं. यह दौरा झारखंड की औद्योगिक एवं निवेश नीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने और संभावित निवेशकों से सीधी बातचीत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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- 19 अप्रैल: प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से स्पेन की राजधानी मैड्रिड पहुंचेगा.
- 21 अप्रैल: मैड्रिड में प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात होगी, विशेष रूप से रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के साथ.
- 22 अप्रैल: माइनिंग और स्टील सेक्टर की कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी.
- 23 अप्रैल: बर्सिलोना में कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से चर्चा होगी.
- 25 अप्रैल: स्वीडन के गोथनबर्ग में क्लीन एनर्जी पर काम करने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात होगी.
- 26 अप्रैल: उद्यमियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग्स आयोजित की जाएंगी.
उद्देश्य और महत्व
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करना है. सरकार ने बताया है कि वे राज्य में उपलब्ध संसाधनों, विकास योजनाओं और औद्योगिक नीतियों की जानकारी विदेशी उद्यमियों को प्रदान करेंगे. उद्योग निदेशक सुशांत गौरव ने कहा कि यह दौरा विदेशी निवेश लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, एग्रो प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
उद्योग मंत्री की गैर मोजूदगी
सीएम के इस यात्रा में 11 लोग शामिल हैं. इनमें से कुछ आईएएस हैं, लेकिन दो नाम सरला मुर्मू और प्रीति चौंकाने वाले हैं. वहीं, हेमंत सोरेन के साथ इस दौरान उनकी पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी शामिल रहेंगी. लेकिन, बता दें राज्य के उद्योग मंत्री संजय यादव स्वीडन और स्पेन नहीं जा रहे हैं. जबकि, उद्योग मंत्री के अंडर काम करने वाले विभागीय सचिव और निदेशक को विदेश ले जाया जा रहा है, लेकिन मंत्री को छोड़ दिया गया है.
राजनीतिक विवाद
उद्योग मंत्री को साथ ना ले जाने पर विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री पर सवाल उठाया है कि यदि यह सरकारी यात्रा है तो उद्योग मंत्री को क्यों नहीं शामिल किया गया? भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इस बात पर भी चिंता जताई कि मुख्यमंत्री अपनी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन को साथ ले जा रहे हैं. उन्होंने इसे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक अनावश्यक कदम हो सकता है जब प्रदेश में कानून व्यवस्था और बिजली संकट जैसी समस्याएं मौजूद हैं.