Jharkhand News: झारखंड में किसानों की आय बढ़ाने और वनोपज आधारित आजीविका को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ (सिद्धको फेड) की ओर से रांची जिले के लापुंग प्रखंड अंतर्गत रायटोली (मालगो LAMPS) में लाह की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सह टूल किट वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
Powered by myUpchar
इस कार्यक्रम में झारखंड सरकार की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। उन्होंने 191 किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण दिया और उन्हें खेती के लिए जरूरी टूल किट्स भी वितरित किए।
Powered by myUpchar
read more- मुहर्रम जुलूस में तेज़ डीजे की आवाज़ बनी जानलेवा, 72 वर्षीय महिला की मौत
किसानों को मिली ये सुविधाएं:
-
5 किलो लाह बीज
-
कटाई उपकरण और सुरक्षा किट
-
तकनीकी जानकारी और प्रशिक्षण
“पेड़ से भी बढ़ेगी आमदनी….” : शिल्पी नेहा तिर्की
मंत्री ने कहा, “अब किसान सिर्फ खेत तक सीमित नहीं रहेंगे। पेड़ों से भी आय बढ़ाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं। लाह की खेती ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बन सकती है।”
उन्होंने बताया कि झारखंड देश का सबसे बड़ा लाह उत्पादक राज्य है, और इससे किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एक पेड़ से 25 किलो तक लाह प्राप्त किया जा सकता है, जिससे अच्छी कमाई होती है।
लाह की खेती क्यों है लाभदायक?
-
मेहनत कम, मुनाफा ज्यादा
-
कॉस्मेटिक और दवा उद्योग में बढ़ती मांग
-
अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात की संभावनाएं
-
गांवों में रोजगार और पलायन रोकने का समाधान
10 हजार किसानों को लाह प्रशिक्षण देने का लक्ष्य: सिद्धको फेड
सिद्धको फेड के सचिव राकेश कुमार सिंह ने बताया कि संगठन का उद्देश्य वनोपज को मुख्यधारा में लाकर किसानों को स्थायी आय के साधन देना है। उन्होंने कहा, “हमने 10,000 किसानों को लाह की खेती में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। लाह को अब कृषि उत्पाद का दर्जा मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा।”
कार्यक्रम में IINRG के वैज्ञानिक डॉ. डी.के. सिंह, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष जयंत बारला, सुदामा महली, देवती देवी, चैतन्य गंझु, सुरेश कुमार, विश्वनाथ मुंडा, सरोज मुंडा और सलीम सहित कई स्थानीय नेता और ग्रामीण शामिल हुए।