Lifestyle News: दीपावली की शुरुआत धनतेरस से होती है और इस पर्व को लेकर लोगों में खास उत्साह रहता है। इस वर्ष धनतेरस शनिवार को मनाई जाएगी। देशभर में अलग-अलग समाजों में इस दिन को लेकर अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं निभाई जाती हैं। इस मौके पर विभिन्न समाजों से बात की और जाना कि धनतेरस के दिन लोग क्या खरीदते हैं और क्यों।
क्या खरीदते हैं लोग धनतेरस पर और क्यों?
धनतेरस पर झाड़ू, नमक, बर्तन, धातु की वस्तुएं, गोमती चक्र, ग्वालिन, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां खरीदने की परंपरा है। इसके पीछे धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं, जो स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा से संबंधित हैं।
झाड़ू और नमक: स्वच्छता और शुद्धता के प्रतीक
धनतेरस पर झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। यह घर की सफाई का प्रतीक होने के साथ-साथ मां लक्ष्मी को आकर्षित करने का एक तरीका भी है। इसी तरह नमक नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और शुद्धता का प्रतीक माना गया है।
ग्वालिन: दीपों का समूह जो 9 ग्रहों से देता है शांति
धनतेरस और दीपावली पर मिट्टी से बनी ग्वालिन जलाने की परंपरा है, जिसमें 5, 7, 9 या 11 दीप होते हैं। इसे माता लक्ष्मी की पूजा में जलाया जाता है। 9 दीपों वाली ग्वालिन को नौ ग्रहों से शांति दिलाने वाला माना गया है।
गोमती चक्र और शुभ धातुएं
गोमती चक्र को देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु का प्रतीक माना जाता है। यह बुरी शक्तियों से रक्षा करता है और घर में समृद्धि लाने वाला माना गया है।
धनतेरस पर लोग सोना, चांदी, पीतल और तांबे की वस्तुएं, सिक्के और बर्तन खरीदते हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धता का प्रतीक हैं।
घरौंदा और मिठाई: एकता और प्रेम का संदेश
घरौंदा बनाना भी इस पर्व का अहम हिस्सा है। यह भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी का प्रतीक है। घरौंदे में 5 प्रकार का अनाज रखा जाता है, जो धन और समृद्धि का संकेत है।
दूसरी ओर, मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान समाज में आपसी सौहार्द और पिछली कटुता को मिटाने का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, धनतेरस का दिन भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने का दिन है, जो स्वास्थ्य और अमृत का प्रतीक हैं। वहीं, घरौंदा निर्माण, मिट्टी के कलश और दीयों से लक्ष्मी का स्वागत होता है और यह समृद्धि लाता है।
एकता में अनेकता की झलक
हालाँकि समाज और रीति-रिवाज भिन्न हो सकते हैं, लेकिन धनतेरस और दिवाली जैसे पर्व लोगों को एक सूत्र में पिरोते हैं। चाहे बर्तन हों, झाड़ू, नमक या दीये — हर घर एक ही रोशनी से जगमगाता है।











