YOGA DAY: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य आयोजन:विशाखापत्तनम में पीएम मोदी ने लिया हिस्सा, 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में 5 लाख लोगों ने एक साथ किया योग. बतादे मीडिया से बात चित में प्रधान मंत्री मोदी ने कहा “आज कल के समय चारो ओर आशांति देखने को मिल रही है ,देश और दुनिया में कहीं भी पूरी तरीके से ठहराव नहीं हैं तो इन परिस्तिथियों में योग हि उपचार है “.
विशाखापत्तनम में ऐतिहासिक योग कार्यक्रम
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक विशाल योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया. आंध्र प्रदेश सरकार ने इस आयोजन को ऐतिहासिक और भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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दुनिया का सबसे बड़ा योग आयोजन
इस कार्यक्रम को दुनिया के सबसे बड़े योग आयोजनों में से एक माना जा रहा है. इसमें कई विश्व रिकॉर्ड बनाए जाने की उम्मीद है. कार्यक्रम सुबह 6 बजे रामकृष्ण बीच से भोगापुरम तक 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में शुरू
5 लाख लोग एक साथ कर रहे योग
करीब 5 लाख लोगों ने एक साथ योग किया. इस क्षेत्र को 326 हिस्सों में बांटा गया, जिसमें हर एक हिस्से में लगभग 1000 लोग शामिल थे.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:पीएम की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा के लिए 10,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए. 1,200 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है. एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है.
प्रदेशभर में योग के प्रति प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इस आयोजन का लक्ष्य केवल रिकॉर्ड बनाना नहीं, बल्कि योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाना है. उन्होंने योग को स्कूल पाठ्यक्रम में कक्षा 9 से शामिल करने की घोषणा की है और योग पर आधारित एक विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना भी है.
विशेष योग प्रदर्शन और जनभागीदारी: आंध्र यूनिवर्सिटी कैंपस में 25,000 आदिवासी छात्रों ने लगातार 108 मिनट तक सूर्य नमस्कार किया, जिससे एक नया विश्व रिकॉर्ड बनने की उम्मीद है.
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योग के प्रचार के लिए राज्य भर में अभियान
राज्य सरकार ने ‘योगांध्र’ नाम से एक महीने तक जागरूकता अभियान चलाया. गांव से राज्य स्तर तक कुल 15,000 योग प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं.
सुविधाएं और व्यवस्थाएं: इस आयोजन के लिए 3.32 लाख टी-शर्ट और 5 लाख योगा मैट वितरित किए गए. राज्यभर में 1.3 लाख योग स्थलों की पहचान की गई. विशाखापत्तनम में आकस्मिक स्थिति के लिए 30,000 लोगों की वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई.
यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक शक्ति, योग के महत्व और जनभागीदारी की अद्भुत मिसाल बन गया है.












