झारखंड में हेमंत सरकार ने राज्य के वकीलों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की है. इन योजनाओं का उद्देश्य वकीलों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करना है.
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प्रमुख योजनाएं
- मेडिकल बीमा: झारखंड सरकार ने वकीलों के लिए 5 लाख रुपये तक का मेडिकल बीमा योजना लागू करने का निर्णय लिया है. यह योजना लगभग 30,000 वकीलों को लाभान्वित करेगी. इस बीमा के तहत वकील और उनके परिवार के सदस्य गंभीर बीमारियों या दुर्घटनाओं के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेंगे.
- पेंशन में वृद्धि: 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के अधिवक्ताओं की पेंशन को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 14,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है. यह वरिष्ठ वकीलों जो अपनी सेवाएं समाप्त कर चुके हैं उनके लिए एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा.
- स्टाइपेंड: नव नामांकित वकीलों को अगले पांच वर्षों तक हर महीने 5,000 रुपये का भत्ता (स्टाइपेंड) दिया जाएगा. यह पहल नए वकीलों को अपने पेशे में स्थिरता प्रदान करने में मदद करेगी और उन्हें शुरुआती दिनों में आर्थिक रूप से समर्थ बनाएगी.
- वित्तीय सहायता: झारखंड एडवोकेट वेलफेयर फंड ट्रस्टी कमेटी को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1.5 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता दी जाएगी, जिससे विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा सकेगा.
इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह निर्णय ऐतिहासिक साबित होगा और इससे गरीब परिवारों के युवा/युवतियों को न्यायालयों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का अवसर मिलेगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है. इन योजनाओं से झारखंड के वकील न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगे बल्कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलेगी.
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