Jharkhand News: केंद्र सरकार ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया है कि अनुराग गुप्ता की सेवा 30 अप्रैल 2025 को समाप्त हो जाएगी और इसके बाद उन्हें डीजीपी पद पर बनाए रखना राज्य सरकार का निर्णय गलत माना जाएगा।
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अनुराग गुप्ता, 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी, को 26 जुलाई 2024 को प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के आदेश पर उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। सरकार के पुनर्गठन के बाद 28 नवंबर 2024 को एक बार फिर हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया और 3 फरवरी 2025 को उन्हें नियमित डीजीपी के रूप में नियुक्त करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया, जिसकी अवधि दो वर्ष तय की गई थी।
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इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है। जदयू विधायक सरयू राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार के सेवा विस्तार के निर्णय को गलत करार दिया है और मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वर्तमान में विदेश यात्रा पर हैं।
विवादों से भी जुड़ा रहा है नाम
अनुराग गुप्ता का नाम पूर्व में भी विवादों में रहा है। वर्ष 2020 में हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें निलंबित किया था। उन पर आरोप था कि 2016 के राज्यसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट देने के लिए प्रलोभन देने और उनके पति, पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का प्रयास किया था। लगभग 26 महीनों बाद, अप्रैल 2022 में उनका निलंबन रद्द कर दिया गया।
सम्मान और सेवाएँ
अनुराग गुप्ता ने झारखंड पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं। वे गढ़वा, गिरिडीह, हजारीबाग जिलों के एसपी और रांची के एसएसपी भी रह चुके हैं। संयुक्त बिहार काल में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए थे। उन्हें वीरता के लिए राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड भी मिल चुका है। अब देखना यह होगा कि झारखंड सरकार डीजीपी पद पर नए नियुक्ति के लिए क्या कदम उठाती है।