Himachal Pradesh cloudburst: मौसम विभाग ने बुधवार (3 जुलाई) को तीन जिलों कांगड़ा, सोलन व सिरमौर और शनिवार को चार जिलों ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व मंडी में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के कारण राज्य में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं. मंडी में 994 ट्रांसफार्मर पर भी इसका असर पड़ा है. अधिकारियों ने बताया कि 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, 30 मवेशी मारे गए हैं तथा मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं.
ऑरेंज अलर्ट जारी
बुधवार को मौसम विभाग ने हिमाचल के तीन जिलों में काँगड़ा, सोलन और सिरमौर और शनिवार को हिमाचल के जिला उना हमीरपुर, कान्ग्र और मंडी में तेज़ बारिश के कारण ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
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राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र ने बताया की भारी बारिश के कारण राज्य में 406 सड़को को बंद किया गया है , जिनमे से 248 सड़के अकेले मंडी जिले में है. वहां के अधिकारीयों के अनुसार इस भारी बारिश और बादल फटने के कारण 24 मकान और 12 पशुशालाएं, और कई सड़के डैमेज हो गई. अभी 309 लोगों को बचाने की कोशिश जारी है.
NDRF और SDRF का बचाव अभियान जारी
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की दो-दो टीमें पुलिस और होमगार्ड के साथ मिलकर प्रभावित इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. जिले की सभी नदियां और नाले उफान पर हैं. ब्यास नदी पर बने पंडोह बांध से 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया गया है. बांध का जलस्तर 2,941 फुट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान (2,922 फुट) से काफी ऊपर है.
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500 करोड़ का अनुमानित नुकसान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में जानकारी दी कि 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य को करीब ₹500 करोड़ का नुकसान हो चुका है. प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं.











