रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव की खंडपीठ ने शहर के दो रूफ टॉप बार और रेस्टोरेंट के खिलाफ रांची नगर निगम (आरएमसी) की ओर से जारी नोटिस मामले में सुनवाई की। सुनवाई के बाद अदालत ने आरएमसी के आदेश को निरस्त कर दिया। अदालत ने कहा कि आरएमसी वैसे मामले में ही कार्रवाई कर सकती है, जिस संरचना से दुर्घटना की संभावना है।
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इस संबंध में ग्रीका किचन एवं बार और प्राना लाउंज ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। आरएमसी ने दोनों पर अवैध निर्माण का आरोप लगाकर रूफ टॉप बार एंड रेस्टोरेंट बंद करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि दोनों बार एवं रेस्टोरेंट जिस भवन में चल रहे हैं, उसका नक्शा आरएमसी से स्वीकृत है। रूफ टॉप पर केवल बार एवं रेस्टोरेंट संचालित है।
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जहां कुर्सी टेबल के अलावा अस्थाई संरचना बनाई गई है। इसका किचन और स्टोर स्वीकृत नक्शा के अंदर संचालित है। दोनों रेस्टोरेंट अग्निशमन सुरक्षा के मापदंड को पूरा कर रहे हैं। विभाग से भी इन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है। फूड सेफ्टी लाइसेंस, बार लाइसेंस आदि भी सक्षम पदाधिकारी से प्राप्त है। आरएमसी के पास रूफ टाप बार एवं रेस्टोरेंट के संचालन को लेकर कोई नियमावली नहीं है। 24 फरवरी को रांची नगर निगम रूफ टाप बार रेस्टोरेंट को लेकर एक ड्राफ्ट नियमावली बनाई है। इस पर लोगों से आपत्ति मांगी गई है। दोनों रूफ टाप बार एवं रेस्टोरेंट ने म्यूनिसिपल एक्ट 2011 और बिल्डिंग बायलाज 2016 का उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए आरएमसी की ओर से इनको बंद करने का आदेश अनुचित है। इसके बाद अदालत ने आरएमसी के उक्त आदेश को निरस्त कर दिया।