नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2025 गुरुवार को राज्यसभा में पेश हुआ। केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस विधेयक को उच्च सदन में पेश किया। लोकसभा की तरह ही यहां भी इस विधेयक पर चर्चा होगी। चर्चा में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के संसद अपनी बात रखेंगे। चर्चा पूरी हो जाने के बाद विधेयक पर मत विभाजन होगा। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। राज्यसभा से इसके पारित हो जाने पर यह कानून बन जाएगा।
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किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 राज्यसभा में पेश कर हुए कहा इस बिल को काफी चर्चा के बाद तैयार किया गया है। उसके बाद इसे जेपीसी के पास भेज दिया गया था। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ को लेकर जेपीसी ने जितना काम किया, उतना काम किसी कमेटी ने नहीं किया। इस बिल पर 2 अप्रैल को देर रात तक चर्चा के बाद आज सुबह लोकसभा से पारित कर दिया गया। कई सदस्यों ने कहा कि संशोधनों के लिए जितना समय मिलना चाहिए था, नहीं मिला। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने तय किया था कि इसे आज ही चर्चा के लिए लेना है। उन्होंने कांग्रेस की सरकार के समय गठित कमेटियों और सच्चर कमेटी की सिफारिशों का भी जिक्र सदन में किया।
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उच्च सदन में विधेयक को पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में अब तक वक्फ की 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। साल 2006 में सच्चर कमेटी ने यदि वक्फ की 4.9 लाख संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान जताया था, अब चूंकि संपत्तियां करीब दोगुनी हैं तो आप समझ सकते हैं कि मौजूदा समय में इन संपत्तियों से कितनी कमाई होती होगी।

हक नहीं मिलने पर जा सकते हैं कोर्ट: रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ मे अब जो ट्रिब्यूनल बनेगा, उसका फिक्स टेन्योर (नियत कार्यकाल) होगा। ऐसे में अगर ट्रिब्यूनल में लोगों को उनका हक नहीं मिला तो सिविल मामले में किसी और अदालत में इसकी अपील कर सकते हैं। इससे पहले ऐसा नहीं था। लेकिन हमने ये बदलाव किया है।
वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करें: विपक्ष से किरेन रिजिजू की अपील
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर राज्यसभा में बोलते हुए सदन में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों से वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का समर्थन करने की अपील करता हूं। “

यह संसद का कानून है, सभी को मानना पड़ेगा-शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘(विपक्षी दल के) एक सदस्य ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय इसे स्वीकार नहीं करेगा। यह क्या धमकी है…यह संसद का कानून है, सबको स्वीकार करना पड़ेगा। यह भारत सरकार का कानून है, हरेक (नागरिक) के लिए बाध्यकारी है (और) इसे स्वीकार करना पड़ेगा।’उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियां बेच खाने वाले को इससे बाहर निकालने के लिए यह कानून लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन विधेयक का उद्देश्य औने-पौने दाम पर सौ साल के लिए वक्फ की जमीन किराये पर देने वाले लोगों को पकड़ना है। शाह ने कहा, ‘यह पैसा जो चोरी होता है, उसे पकड़ने का काम वक्फ बोर्ड करेगा।’उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज्य में (वक्फ की जमीन के लिए) जो मिलीभगत चल रह रही है वह अब नहीं चलेगी।