गोड्डा। झारखंड में 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों ने वहां के ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाली की तस्वीर साफ कर दी। करीब 55 प्रतिशत ग्रामीण घरों में स्नानघर नहीं है। लोग खुले में नहाने को मजबूर हैं लेकिन गोड्डा के कुछ गांवों में स्नानघर, कुएं और आधुनिक चापाकल का सपना पूरा होता नजर आ रहा है।
अदाणी फाउंडेशन की मदद से डुमरिया, मोतिया, पटवा, बक्सरा, पेटवी, रंगनियां, बलियाकित्ता, बिरनियां आदि गांवों के अलावा महगामा प्रखंड के दो दर्जन गांवों में सड़क किनारे कुएं और नलकूपों के साथ चहारदीवारी से घिरे स्नानघर बने हैं। दरअसल, इन गांवों से अदाणी का गोड्डा पावर प्लांट सटा है, जिसके जरिए क्षेत्र में रोशनी के साथ विकास के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
अदाणी फाउंडेशन ने गांव के हालात और महिलाओं की दशा को सुधारने के लिए साल 2016 से कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत क्षेत्र में 150 से ज्यादा सार्वजनिक स्नानघर का निर्माण कराया है, जिससे लगभग 25 हजार की आबादी को लाभ मिल रहा है। साथ ही दो हजार से ज्यादा खराब पड़े नलकूपों की मरम्मत का काम भी हुआ है, जिसके जरिए 40 हजार से ज्यादा की आबादी को साफ पीने का पानी उपलब्ध हुआ।
अदाणी फाउंडेशन ने स्वच्छता के संकल्प को पूरा करने के लिए नलकूपों के पास से गंदगी के निपटारे के लिए नालियों का निर्माण भी किया है। साथ ही एक हजार से ज्यादा नलकूपों के पास सोख्ता गड्डे बनवाए हैं, जिससे जलस्तर भी संतुलित रहेगा। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन 75वां स्थापना दिवस बना रहा है और इसकी थीम है ‘हेल्थ फॉर ऑल’। अदाणी फाउंडेशन भी इसी संकल्प के साथ समाज के पिछड़े गांवों और समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने में जुटा हुआ है।
गोड्डा के महागामा प्रखंड के करनू गांव की भोली कुमारी ने कहा कि अदाणी फाउंडेशन के जरिए लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। अब लोगों को खुले में स्नान नहीं करना पड़ता है। इसी गांव की आशा कुमारी और रितू कुमारी भी अदाणी फाउंडेशन की इस जरूरी पहल से काफी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि पीने का स्वच्छ पानी मिलने से उनके परिवार के लोगों का संक्रमित बीमारियों से बचाव हो रहा है।