पलामू।वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के निर्देश पर एमआरएमसीएच की आउटसोर्सिंग कंपनी बालाजी की जांच शुरू कर दी गयी है। जिले के उपायुक्त के द्वारा जांच के लिए डीडीसी, एसडीएम, एनडीसी, श्रम अधीक्षक की कमिटी गठित की है। जांच टीम में शामिल डीडीसी शब्बीर अहमद, सदर एसडीएम सुलोचना मीणा, श्रम अधीक्षक ऐतवारी महतो, एनडीसी ने शुक्रवार को एमआरएमसीएच का निरीक्षण किया। इस क्रम में बाला जी के सफाईकर्मियों से जहां बातचीत की गयी, वहीं उनके स्टोर का भी विजिट किया गया।
अधिकारियों की जांच में आज कुल 65 सफाईकर्मियों के विरूद्ध 41 की उपस्थिति पाई गई। यह भी पता चला कि वित्त मंत्री के एमआरएमसीएच निरीक्षण के बाद उनसे नौ घंटे की सेवा ली जा रही है, जिसमें एक घंटा विश्राम दिया जाता है। पहले छह घंटे काम लिया जाता था। कर्मियों से मानदेय सहित अन्य मामले में भी बातचीत की गयी।
श्रम अधीक्षक ने कहा कि नौ घंटे की डयूटी में एक घंटे विश्राम देकर नियमानुसार अकुशल मजदूर को 463 रूपए मिलने चाहिए। मंत्री के निरीक्षण के बाद से सफाईकर्मियों को इतनी राशि दी जा रही है।
अधिकारियों की टीम ने उपस्थिति के साथ साथ ड्रेस में कौन कौन आए हैं आदि की भी जानकारी ली। पूरी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जायेगी और फिर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
मौके पर जिले के सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार, सुपरीटेंडेंट डा. धर्मेन्द्र कुमार, बाला जी के सुपरवाइजर एवं अन्य कर्मी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पिछले दिनों एमआरएमसीएच के निरीक्षण के दौरान पुलिस चौकी उदघाटन के मौके पर कहा था कि एमआरएमसीएच की आउटसोर्सिंग कंपनी बालाजी सरकार के साथ किए गए एग्रीमेंट के अनुसार कार्य नहीं कर रही है। 300 बेड वाले अस्पताल एमआरएमसीएच में 135 सफाईकर्मियों को लगाना है, लेकिन किसी दिन कंपनी निर्धारित आंकड़े के अनुसार कर्मियों को नहीं लगायी। इस कारण अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा रहता है। कंपनी हर महीने सरकार से 13 लाख से अधिक की राशि इसके लिए लेती है। मंत्री ने इसे आर्थिक अपराध का मामला मानते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी के आलोक में जांच शुरू की गयी है।