धनबाद। पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने आज धनबाद परिसदन में कहा कि मकर संक्रांति स्नान के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों ने निर्वस्त्र कर पीटा। साधुओं पर हमला पालघर के तर्ज पर हुआ, जो मॉब लिंचिंग का एक जीता जागता उदाहरण है।
ज्योतिर्मय ने कहा कि साधुओं पर हुए हमले कि यह घटना 11 जनवरी की है। साधुओं की टोली उत्तरप्रदेश से पुरुलिया होकर गंगासागर जा रही थी। पुरुलिया में चेकिंग नाका पर शेख अनवर नामक शख्स जोकि बंगाल पुलिस का ही सहयोगी है, उसने साधुओं को देखते ही बच्चा चोर कहते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा होने लगी। साधुओं को पीटा जाने लगा। यह दृश्य बिल्कुल ही पालघर में घटित मॉब लिंचिंग की तरह ही था। साथ ही कहा कि साधु-महात्माओं को सुरक्षित गंगासागर पहुंचाने का बीड़ा उन्होंने उठाया है।
उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने पर वे वहां पहुंचे और किसी प्रकार से साधुओं को भीड़ से निकाल कर उन्हें सुरक्षित जगह ले गए। बाद में पुरुलिया वासियों ने भी साधुओं से मिलकर घटना की तीव्र निंदा की और इसके लिए क्षमा भी मांगी। ज्योतिर्मय ने ममता बनर्जी पर वोट बैंक के लिए एक समुदाय को खुश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा ईडी के अधिकारियों पर हमले होते हैं लेकिन ममता बनर्जी की सरकार कोई एक्शन नहीं लेती और उसके उलट साधुओं पर हमला किया जाता है। पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
पीड़ित साधु मधुर गोस्वामी ने कहा कि पांच साधुओं की टोली यूपी से गंगासागर के लिए चली थी। पुरुलिया में भीड़ ने हमें दक्षिणा देने के नाम पर रोक लिया और गाड़ी से निकलने पर भीड़ ने बच्चा चोर कहकर मारपीट शुरू कर दी। स्थानीय पुलिस और सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो के प्रयास से हमारी जान बच पाई।