डायबिटीज एक घातक बीमारी है, जिससे आज करोड़ों की तादाद में लोग जूझ रहे हैं। इस गंभीर बीमारी के दो टाइप हैं। टाइप 1 डायबिटीज, जो अनुवांशिक होती है और टाइप 2 डायबिटीज, जिसके पीछे एक्सपर्ट्स खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान को अहम कारण बताते हैं। ऐसे में मधुमेह रोगियों को अपनी डाइट पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। आप किस तरह का भोजन करते हैं, इसका सीधा असर आपके ब्लड शुगर लेवल पर पड़ता है। खानपान में जरा सी भी लापरवाही ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स मधुमेह यानी डायबिटीज रोगियों को केवल हेल्दी चीजें खाने की ही सलाह देते हैं। वहीं, अधिकतर लोगों का सवाल होता है कि क्या आलू इन हेल्दी चीजों में शामिल है?
दरअसल, आलू हमारे देश में सबसे अधिक खाई जाने वाली सब्जियों में से एक है। हालांकि, मधुमेह रोगियों को आलू खाना चाहिए या नहीं, ये सवाल अक्सर लोगों को परेशान करता है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने वाले हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आलू में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा होता है। वहीं, कार्बोहाइड्रेट ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने में असर दिखा सकता है। ऐसे में अधिकतर समय मधुमेह रोगियों को आलू से परहेज करने की ही सलाह दी जाती है। इसके अलावा आलू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी अधिक होता है, हाई GI वाला खाद्य पदार्थ भी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने में असर दिखाते हैं।
इसे लेकर हाल में पोषण विशेषज्ञ दीपशिखा जैन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में न्यूट्रिशनिस्ट ने एक ऐसा तरीका बताया है, जिसे अपनाकर मधुमेह रोगी सीमित मात्रा में आलू का सेवन कर सकते हैं।
क्या है ये खास तरीका?
दीपशिखा जैन के मुताबिक, आलू को उबालने के बाद इसे कम से कम 6 से 7 घंटे के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए छोड़ दें और इसके बाद ही आलू का सेवन करें। न्यूट्रिशनिस्ट बताती हैं कि आलू को पकाकर इस तरह ठंडा करने से ये रेसिस्टेंट स्टार्च को रिलीज करता है, साथ ही ये तरीका आलू में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को भी कम कर देता है। इतना ही नहीं, आलू को ठंडा करने से इसका ग्लाइसेमिक लोड भी कम हो जाता है, जिससे इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल उतनी तेजी से बढ़ता नहीं है।
ऐसे में मधुमेह रोगी इस बेहद आसान तरीके को अपनाकर सीमित मात्रा में आलू को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।