लखनऊ। हाथरस सत्संग त्रासदी में घायल पांच और लोगों ने दम तोड़ दिया। इन्हें मिलाकर मृतकों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है। राहत आयुक्त कार्यालय ने कुछ देर पहले यह अपडेट दिया है। 24 घंटे पहले भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में हुई जनहानि से सारा देश शोकाकुल है।
हाथरस जिले के रतीभानपुर पुलराई गांव में सत्संग त्रासदी के 24 घंटे बाद मरघट जैसा सन्नाटा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सुबह 11 बजे रतीभानपुर पुलराई गांव का दौरा करेंगे। यहां से वह आगरा रवाना होंगे। गांव में सत्संग स्थल पर फॉरेंसिक यूनिट और डॉग स्क्वायड मौजूद है।
इस बीच अलीगढ़ के एएसपी सिटी अमृत जैन ने कहा है कि अलीगढ़ 38 शव आए थे। इनमें से 36 की पहचान हो चुकी है। पोस्टमार्टम कर शवों को उनके गंतव्य स्थान भेज दिया गया है। सिर्फ दो शव अज्ञात हैं।
कैसे हुई पूरी घटना…
देश को सदमे में डालने वाली इस घटना में भोले बाबा के नाम से मशहूर आध्यात्मिक नेता नारायण साकार हरि फरार है।चश्मदीद के अनुसार, फुलराई मैदान में खुले में सत्संग आयोजित हो रहा था। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से 50,000 से ज्यादा अनुयायी शामिल हुए थे। जैसे ही सत्संग समाप्त होने लगा, भक्त आगे बढ़कर बाबाजी के पास इकट्ठा हो गए। उनका आशीर्वाद और उनके पैरों की पवित्र धूल लेने लगे।ये लोग एक गड्ढे से होकर गुजर रहे थे।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शुरुआत में धक्का लगा और कुछ लोग गिर गए। उसके बाद जो गिरा, वो उठ नहीं पाया और भीड़ ऊपर से गुजरती चली गई. देखते ही देखते बड़ा हादसा हो गया।
कौन है सूरज पाल उर्फ बाबा साकार?
उत्तर प्रदेश में नब्बे के दशक में यूपी पुलिस का कांस्टेबल सूरल पाल को यौन शोषण के आरोप में मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने के बाद सूरज पाल अपने दोस्तों की मदद से कथावाचक बन गया। हाथरस में सूरज पाल ही कथा कह रहा था।
हाथरस में कथा सत्संग के दौरान भगदड़ हुई और एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी। प्रदेश में बड़े हादसे की सूचना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव मौके पर पहुंचें तो कथा के आयोजकों और कथा करने वाले संत की जानकारी जुटायी जाने लगी। इस दौरान कथावाचक सूरज पाल उर्फ बाबा भोले उर्फ बाबा साकार हरी का पुराना इतिहास निकल कर सामने आ गया।
सूरज पाल जो अट्ठाईस वर्ष पूर्व में यूपी पुलिस में नौकरी करता था। सूरज बतौर कांस्टेबल अपनी ड्यूटी करता था। उसी वक्त उसके ऊपर यौन शोषण के आरोप लगे और वह जेल चला गया। कुछ समय बीतने के बाद वह जेल से छूटा और फिर छोटे मोटे काम करने लगा। जीवन चलाने के लिए उसके दोस्तों ने उसे कथा कहने की सलाह दे डाली।
वर्ष दो हजार बारह में हुए कुम्भ के बाद सूरज पाल कथावाचक बनकर उभरा और हाथरस, आगरा, इटावा, मैनपुरी जैसे क्षेत्रों में कथा करने लगा। हाथरस में हुए हादसे से पहले सूरज पाल की कथा चल रही थी। घटना के दिन कथावाचक सूरज का आगमन हुआ तो वहां लोगों को रोका गया। जब भीड़ को छोड़ा गया तो आगे बढ़कर पंडाल में पहुंचने की होड़ थी, जो हादसे में बदल गयी।
सूरज पाल की कथा सुनने पहुंचे थे अखिलेश यादव
सूरज पाल को जानने वाले बताते हैं कि सूरज पाल की कथा सुनने के लिए अखिलेश यादव भी पिछले साल पहुंचे थे। अखिलेश ने कथा की फोटो को सोशल मीडिया पर भी भेजा था। जिसे हजारों लोगों ने लाइक भी किया था।
कहां छिपा है भोले बाबा उर्फ साकार हरि?
रामकुटीर आश्रम में होने का शक
हाथरस में हुई दुखद घटना को लेकर पूरे देश ने अपनी संवेदनाएं दी लेकिन भोले बाबा की तरफ से अभी तक किसी भी तरह का बयान नहीं आया है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि हाथरस से सीधे मैनपुरी के रामकुटीर आश्रम पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक, इस आश्रम के बाहर प्राइवेट सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं।
आश्रम में बाहर के लोगों पर रोक
जानकारी के मुताबिक, मैनपुरी के राम कुटीर आश्रम में किसी मीडियाकर्मी वह बाहर के लोगों को अंदर जाने से पूरी तरह से रोक दिया गया है। राम कुटीर आश्रम पहुंचे भोले बाबा से किसी को भी मिलने नहीं दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि भोले बाबा 2 से 3 बजे के बीच आश्रम पहुंचे लेकिन आश्रम से बाहर निकलते हुए बाहर लगे हुए किसी भी सुरक्षाकर्मी ने नहीं देखा है।