नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में एक भारतीय नागरिक पर अमेरिका में आरोप तय किए हैं. इस भारतीय नागरिक का नाम विकास यादव है. इससे पहले, ऑरिजनल चार्जशीट में विकास यादव का जिक्र CC-1 के तौर पर किया गया था. गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है. उसके पास अभी अमेरिका की नागरिकता है.
इससे पहले, इस मामले में पिछले साल एक और भारतीय निखिल गुप्ता को आरोपी बनाया गया था. निखिल गुप्ता को पिछले साल चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था. विकास यादव पर आरोप है कि उन्होंने भारत में रहकर निखिल गुप्ता से संपर्क किया. आरोप है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता से कहा कि पन्नू की हत्या के लिए वो किसी हिटमैन को हायर करें.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने 17 अक्टूबर को विकास यादव के खिलाफ ये आरोप तय किए. ये आरोप तब तय किए गए हैं, जब दो दिन पहले एक भारतीय जांच टीम अमेरिका पहुंची थी. इधर, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैट मिलर ने कहा था कि भारतीय टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि विकास यादव अब भारत सरकार के साथ काम नहीं करते हैं.
अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के मुताबिक, इस पूरे मामले के दौरान विकास यादव भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में काम कर रहे थे. यह सचिवालय भारत की विदेशी इंटेलिजेंस सर्विस रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का काम देखता है. वहीं अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गार्लैंड ने कहा,
“चाहे वो कोई भी व्यक्ति हो, सत्ता-प्रतिष्ठान के कितना भी करीब हो, अगर वो अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहता है या उन्हें चुप कराना चाहता है तो जस्टिस डिपार्टमेंट कड़े से कड़े कदम उठाएगा.”
वहीं असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जी ओसलेन ने कहा कि जो भी सरकारें अमेरिका में ऐसा करने का कोई प्लान बना रही हैं, हम उन्हें तितर-बितर कर देंगे और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे.
यह सब घटनाक्रम तब हो रहा है जब भारत-कनाडा संबंध अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. कनाडा ने भारतीय एजेंट्स पर पूरे कनाडा में हत्या और हिंसा की दूसरी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगाया है. इस विवाद का मुख्य चेहरा खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर है, जिसकी पिछले साल कनाडा में हत्या कर दी गई थी. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कह चुके हैं कि कनाडा के पास इस बात के सबूत हैं कि इस हत्या के पीछे भारतीय एजेंट्स का हाथ है. वहीं भारत ने कनाडा के इन आरोपों को मजबूती से नकारा है. भारत ने कनाडा से अपने शीर्ष राजनयिकों को भी वापस बुला लिया है.
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